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अमृतम् जलम् : राम सागर तालाब में फैली गंदगी को किया गया साफ

विप्लव के युवा सदस्यों व नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा तकरीबन दो घंटे तक पिंड दान घाट व आसपास के पचरी की साफ -सफाई की गई।

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अमृतम् जलम् :  राम सागर तालाब में फैली गंदगी को किया गया साफ

अमृतम् जलम् : राम सागर तालाब में फैली गंदगी को किया गया साफ

जांजगीर-चांपा. पत्रिका के द्वारा चलाए जा रहे अमृतम-जलम अभियान के तहत रविवार की सुबह 7.30 बजे नैला के राम सागर तालाब में सफाई अभियान चलाया गया। पत्रिका अभियान के इस मुहिम में नगर के विप्लव संस्थान व नगरपालिका के कर्मचारियों की सहभागिता रही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अजीत साहू मौजूद रहे।

पत्रिका के इस अभियान की तारीफ करते हुए मुख्य अतिथि अजीत साहू ने कहा कि तालाब हमारा अमूल्य धरोहर है। जिसे सहेजकर रखना बड़ी बात है। इसकी स्वच्छता के लिए भी हमें सजग होना चाहिए। आज पत्रिका ने तालाबों की स्वच्छता के लिए जो कदम उठाए हैं वह तारीफे काबिल है। इस दौरान विप्लव संस्थान के अध्यक्ष दीपक यादव ने कहा कि पत्रिका अभियान के तहत आज रामसागर तालाब में सफाई का अवसर मिला यह सौभाग्य की बात है।

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पत्रिका का यह अभियान स्वच्छता की दिशा में अभिनव पहल है। तालाबों के संरक्षण व सफाई के लिए समाज को सजग होना होगा। इस दौरान विप्लव संस्थान के सदस्य व नगरपालिका के कर्मचारियों ने राम सागर तालाब की साफ सफाई की गई। राम सागर तालाब में इतनी गंदगी फैली थी कि इसकी पूरी तरह से सफाई करना कठिन काम था। फिर भी विप्लव के युवा सदस्यों व नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा तकरीबन दो घंटे तक पिंड दान घाट व आसपास के पचरी की साफ -सफाई की गई।

व्यवसायियों ने फैलाई गंदगी
वार्ड के पूर्व पार्षद संतोष भोपालपुरिया ने बताया कि नैला का रामसागर तालाब अग्रवाल बंधुओं का निजी तालाब है। फिलहाल यह नगरपालिका के सुपुर्द हो चुका है। तालाब के चारों ओर गंदगी का आलम है। तालाब के पास में व्यवसायियों का कब्जा हो चुका है।

तालाब के पास में व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनाकर लोग व्यवसाय जरूर कर रहे हैं, लेकिन दुकानों से निकली गंदगी को तालाब के पास में ही फेंक रहे हैं। जिससे तालाब में चहुंओर गंदगी का आलम है। इसके चलते इस तालाब की उपयोगिता समाप्त होते जा रही है। आसपास के लोगों का कहना है कि इस तालाब में पहले बड़ी संख्या में लोग निस्तारी करते थे, लेकिन जबसे तालाब के पार में दुकानें खुली है तब से यह तालाब निस्तारी के काबिल नहीं रह गई है।

सौंदर्यीकरण की दिशा में नहीं ध्यान
शहर के बीच तकरीबन 25 एकड़ में फैले इस तालाब के सौंदर्यीकरण की दिशा में नगरपालिका कोई कदम नहीं उठा रही है। जबकि इस तालाब में नैलावासियों द्वारा सौंदर्यीकरण किया जा सकता है। इसके लिए नगरपालिका को भी आगाह किया जा सकता है, लेकिन नैला के व्यवसायियों द्वारा इसे व्यवसायिक काम्प्लेक्स बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं इसे सिंघाड़ा उत्पादन के लिए आय का जरिया बनाया जा रहा है। सौंदर्यीकरण की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है, जिसे लेकर लोगों में चिंता व्याप्त है।