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नए मास्टर प्लान का रास्ता क्लीयर, 276 आपत्तियों का हुआ निराकरण

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग कार्यालय ने जांजगीर और चांपा शहर का नया मास्टर प्लान तैयार किया है। भविष्य में डेढ़ लाख तक आबादी को ध्यान में रखते हुए २०३१ तक का मास्टर प्लान का नए सिरे से पुर्नविलोकन किया गया है। इसके लिए दोनों शहरों से दावा-आपत्तियां मंगाई गई थी। जांजगीर में १२९ और चांपा में १४७ आपत्तियां लगाई थी।

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नए मास्टर प्लान का रास्ता क्लीयर, 276 आपत्तियों का हुआ निराकरण

नए मास्टर प्लान का रास्ता क्लीयर, 276 आपत्तियों का हुआ निराकरण

जांजगीर-चांपा. आपत्ति की सुनवाई के बाद जिला प्रशासन ने सभी का निराकरण कर लिया है। यानी अब जिला स्तर पर मास्टर प्लान की राह खुल गई है। विभाग ने इस मास्टर प्लान को हेड आफिस समबिट कर दिया है। यहां आगे की प्रक्रिया वहीं से पूरी होगी। वहां से रायपुर फिर राज्य शासन को भेजी जाएगी। सरकार की मंजूरी मिलते ही राजपत्र में प्रकाशन होगा। इस तरह जांजगीर और चांपा शहर के लिए २०३१ तक मास्टर प्लान लागू हो जाएगा। गौरतलब है कि २०३१ तक के लिए तैयार किए इस मास्टर प्लान के लिए विभाग ने १४ फरवरी तक दावा-आपत्ति मंगाई गई थी। इस दौरान २७६ आपत्तियां दोनों जगहों पर लोगों के द्वारा लगाई गई। विगत १२ अप्रैल को कलेक्टोरेट में आपत्तियों की सुनवाई रखी गई जहां सभी आपत्तियों का निराकरण किया गया। इस तरह मास्टर प्लान का राह अब आसान हो गया है।
नया मास्टर प्लान लागू होने से फायदे....
शहर से लगे आसपास के निवेश क्षेत्र में शामिल गांव की सीमाएं भी शहर से जुड़ती जा रही है। ऐसे में आवासीय भूमि कम पड़ती जा रही है। आवासीय क्षेत्रफल का दायरा बढऩे से आउटर में कृषि भूमि में बसने वाले लोगों को अविकसित क्षेत्र में रहने के चलते जो सुविधाएं नहीं मिल पा रही है वो आसानी से मिल पाएगी। डायवर्सन हो पाएगा।
निवेश गांवों की संख्या नहीं बढ़ी
जांजगीर निवेश क्षेत्रों की संख्या यानी कोई नया गांव शामिल नहीं किया गया है जिससे कुल क्षेत्रफल और निवेश क्षेत्रों की संख्या उतनी ही है। जबकि आसपास के और गांवों को शामिल किए जाने की मांग उठ रही है। जांजगीर निवेश क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल १० हजार ७७०.९८ हेक्टेयर और १३ निवेश क्षेत्र हैं। इनमें कुलीपोटा, जर्वे, पेण्ड्री, खोखसा, खैरा, सरखों, सिवनी, कन्हाईबंद, बनारी, पुटपुरा, खोखरा, सुकली, नवापारा और जांजगीर-नैला नपा क्षेत्र शामिल है।

२०३१ के लिए जांजगीर का पुर्नविलोकन मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए १४ फरवरी तक दावा आपत्ति मंगाई गई थी। इस दौरान चांपा के लिए १४७ और जांजगीर निवेश क्षेत्र के लिए १२९ आपत्तियां आई थी जिसे जिला स्तरीय कमेटी के समक्ष रखा गया और सभी आपत्तियों का निराकरण हो गया है। आगे की प्रक्रिया के लिए हेड बिलासपुर प्रस्ताव भेज दिया गया है।
तमेश्वर देवांगन, सहायक संचालक नगर एवं ग्राम निवेश जांजगीर-चांपा