
बीजेपी सरकार की वादाखिलाफी सहित एक दर्जन मुद्दों को लेकर कांग्रेसियों ने किया कलक्टोरेट का घेराव
जांजगीर-चांपा. अन्नदाता किसानों की लंबित फसल बीमा राशि का शीघ्र भुगतान करने, जिले में अजा समाज के लोगों पर बढ़ते अत्याचार, बढ़ती बेरोजगारी, कोल साइडिंग से फैलते प्रदूषण सहित प्रदेश की बीजेपी सरकार की वादाखिलाफी सहित एक दर्जन मुद्दों को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को कलक्टोरेट का घेराव कर दिया।
इस दौरान पुलिस कंट्रोल रूम को अस्थायी कलेक्टोरेट बनाया गया था। जहां कांग्रेसियों ने धरना प्रदर्शन करने के बाद अपनी गिरफ्तारी दी। इस दौरान तकरीबन 15 मिनट तक पुलिसकर्मियों ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में झूमाझपटी भी हुई है। इससे कार्यकर्ताओं व पुलिसकर्मियों को आंशिक चोटें भी आई है। इससे पहले कांग्रेसियों ने कचहरी चौक में तकरीबन एक घंटे तक सरकार विरोधी नारे लगाए, भाषणबाजी की और धरना प्रदर्शन किया।
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जिला क्रांग्रेस कमेटी ने सोमवार को धरना प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया। कांग्रेसियों द्वारा कचहरी चौक में पंडाल लगाकर तकरीबन एक घंटे तक भाषणबाजी की गई। कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि खेती किसानी का समय है सरकार किसानों को उत्तम बीज एवं खाद की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। महिला अत्याचार, मंहगाई, प्रशासनिक तानाशाही पूरे चरम स्थिति में है।
सरकार केवल अपनी जेब भरने का काम कर रही है। इस दौरान विधायक मोतीलाल देवांगन, अकलतरा विधायक चुन्नी लाल साहू, इंजी रवी पांडेय, शशीकांता राठौर, सहित तमाम कांग्रसियों ने सभा को संबोधित किया। इसके बाद कलेक्टोरेट का घेराव करने पुलिस कंट्रोल रूम की ओर निकले। इससे पहले पुलिस कांग्रेसियों को घेराव से रोकने के लिए सैकड़ो जवानों को तैनात कर दी थी। पानी का छिड़काव करने के लिए दमकल भी बुला लिया था। जैसे ही कांग्रेसी झंडे लेकर घेराव के लिए टूट पड़े इन्हें रोकने के लिए पुलिस की टीम भी टूट पड़ी। दोनों पक्षों में जमकर झूमाझपटी हुई। आपस में रस्साकस्सी का दौर चलता रहा। इसके बाद कांग्रेसी बीच सड़क में ही बैठकर १५ मिनट तक सरकारी विरोधी नारे लगाए। लगभग आधे घंटे तक सड़क पर ड्रामा चला फिर तकरीबन दो सौ से अधिक कांग्रेसियों ने पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचकर अपनी गिरफ्तारी दी।
कांग्रसियों से अधिक पुलिसकर्मी
एक ओर धरना प्रदर्शन व कलेक्टोरेट घेराव को लेकर कांग्रेस सजग दिखाई दी उसके उलट पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया था। आंदोलन का विफल बनाने के लिए सैकड़ो की तादात में पुलिसकर्मी तैनात थे और वे कामयाब हुए। दो-दो एसडीओपी के अलावा जिले के आधा दर्जन थाना प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। वहीं कुछ वर्दीधारी सफेद डे्रस में नजर आए। वहीं सैकड़ो पुलिसकर्मी खाकी वर्दी में थे।
कई पुलिसकर्मियों को आई चोट
इस दौरान पुलिस व कार्यकर्ताओं की झूमाझपटी के दौरान चांपा टीआई प्रदीप आर्य सहित कई लोगों को चोटें भी आई है। उन्होंने इलाज करा लिया है। इसी तरह झूमाझपटी के दौरान कई पुलिसकर्मियों के स्टार छिन गए तो किसी की टोपी फट गई। कई पुलिसकर्मियों के कपड़े भी फट गए। वहीं कार्यकर्ताओं के भी कपड़े फट गए। आंदोलन को रोकने कार्यकर्ताओं से अधिक पुलिसकर्मियों ने खूब पसीना बहाया।
प्रेरकों ने बचाई इज्जत
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए काफी हद तक प्रेरकों ने इज्जत बचा ली। क्योंकि कांग्रेसियों से अधिक प्रेरकों की भीड़ थी। दरअसल प्रेरकों की नौकरी में सरकार तलवार लटका दी है। जिसे लेकर प्रेरक हड़ताल पर हैं। कांग्रेसियों की हड़ताल के दौरान प्रेरकों ने भी सरकार के विरोध में फांसी लगाने का अल्टीमेटम दिया और फांसी लटकने के लिए अपने अपने गले में रस्सी बांधकर आए थे। इतना ही नहीं वे काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन भी किया। इस दौरान सैकड़ो प्रेरक धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में
पहुंचे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
Published on:
17 Jul 2018 01:48 pm
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