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जिसका भुगतान अब तक नहीं करने पर पीडि़त पक्ष कोर्ट में याचिका दायर करने पर न्यायालय से कलेक्टर के नाम कुर्की वारंट जारी किया है। जिसमें कलेक्टर की कार सहित अन्य शासकीय संपत्ति कुर्क किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि वर्ष २००७ में सिंघानिया जनरल स्टोर द्वारा १ लाख ७ हजार रुपए की सामान सप्लाई कलेक्टर बाढ़ राहत शाखा में किया गया था। सामान सप्लाई करने के बाद प्रशासन द्वारा भुगतान नहीं किया गया। भुगतान को लेकर पवन सिंघानिया द्वारा लगातार कलेक्टोरेट कार्यालय का चक्कर लगाता रहा। १५ साल तक दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते थक चुके थे। केवल प्रशासन द्वारा आश्वासन ही मिल रहा था। इससे परेशान होकर पवन सिंघानिया द्वारा जिला सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में याचिका दायर किया गया है। इसके बाद न्यायालय ने कलेक्टर के नाम पर कुर्की आदेश जारी किया गया हैं। जिसमें कहा कि कलेक्टर की कार सहित अन्य शासकीय संपत्ति का कुर्की किया जाए। इस संंबंध में शुक्रवार को जिला न्यायालय के अधिकारी भी जांच करने पहुंचे थे। अब प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है कि जल्द ही इसका निराकरण किया जाएगा।
बजट नहीं होने का १५ साल से देते रहे हवाला
शिकायतकर्ता पवन सिंघानिया का कहना है कि १ लाख ७ हजार भुगतान को लेकर कलेक्टोरेट में कई बार रिमांइडर किया गया था। यहां से केवल आश्वासन ही मिलता था। साथ ही कहा जाता था कि बजट नहीं है। अगर यह पैसा मिल जाता तो आज कुछ उपयोग कर लिया होता। आखिरकार कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। मेरा कोई उद्देश्य किसी को हर्ट करना नहीं है, केवल पैसा का भुगतान बस हो जाए, यही मेरा उद्देश्य है।
वर्जन
काफी पुराना मामला है। मामला का अवलोलन किया जाएगा। इसके बाद जल्द ही इसका निराकरण किया जाएगा।
एसपी वैद्य, एडीएम
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Published on:
25 Nov 2022 09:21 pm
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