
दीपावली के आते ही पटाखा व्यवसायी हुए सक्रिय, बीच शहर डंप किया जा रहा बारुद का ढेर
जांजगीर-चांपा. दिवाली के आते ही पटाखा व्यवसायियों द्वारा पटाखे का भंडारण करना शुरू कर दिया गया है, लेकिन पुलिस इसके पीछे अनजान है। क्योंकि एक माह पहले से ही पटाखा व्यवसायी पटाखा खपाने का काम शुरू कर देते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि क्योंकि दिवाली के समय में पुलिस बेहद सक्रिय हो जाती है।
इस दौरान पटाखे की अफरा-तफरी करना व्यवसायियों को मुश्किल हो जाता है। यही वजह है व्यवसायी पहले से ही पटाख डंप करना शुरू कर देते हैं। इस दौरान उन्हें पुलिस का खौफ नहीं रहता और वे आराम से पटाखा खपाने में कामयाब हो जाते हैं। अवैध पटाखा पकडऩे के लिए पुलिस ने मुखबिर लगाना शुरू कर दिया है।
शहर में पटाखा व्यवसायियों की होड़ मचने वाली है। दिवाली के आते ही पटाखा व्यवसायी थोक मात्रा में पटाखे का भंडारण करना शुरू कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि शहर में ही जगह-जगह बारूद का ढेर है। ऐसे ठिकानों में पुलिस इसलिए नहीं पहुंच पा रही है क्यों कि पुलिस को कोई पुख्ता सबूत के साथ मुखबिरी नहीं की रहती। मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ऐसे ठिकाने में छापामार कार्रवाई करती है। बीते वर्ष कोतवाली पुलिस ने नैला के पवन इलेक्ट्रिकल से लाखों के पटाखे का जखीरा जब्त किया था। इसके अलावा क्राइम ब्रांच की टीम ने बीते वर्ष चांपा के बड़े पटाखा व्यवसायी जानू खुल्लर व एक देवांगन किराना स्टोर के संचालक के ठिकाने में छापेमारी कर लाखों का पटाखा जब्त किया था।
अब तक के जांजगीर चांपा जिले के रिकार्ड में पटाखे का इतना बड़ा जखीरा कभी जब्त नहीं हुआ था। बीच शहर में बारूद का ढेर होने से बड़ी घटना की संभावना बनी रहती है। शहर में ही कई ऐसे गोपनीय स्थान है जहां बारूद का ढेर बन चुका है। जहां बड़ी मात्रा में पटाखा डंप होने की सूचना मिल रही है। वहीं पुलिस बेखबर है।
हालांकि पुलिस गांव -गांव में घूमकर छिटपुट पटाखा व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई करती है लेकिन बड़े व्यवसायियों तक नहीं पहुंच पाती। बताया जा रहा है कि जांजगीर शहर में ही आधा दर्जन ऐसे बड़े व्यवसायी हैं जिनके गोदाम में लाखों का पटाखा है। जहां पुलिस के हाथ नहीं पहुंचे हैं। इसी तरह चांपा, सक्ती व अकलतरा में भी बड़ी तादात में पटाखों का अवैध भंडारण अभी से शुरू हो चुका है।
हर थानों में चलेगा अभियान
पुलिस का कहना है कि जिले के १९ थानों की पुलिस अवैध पटाखा विक्रेताओं के ठिकानों में छापामार कार्रवाई करना शुरू करेगी। हालांकि अभी समय है। दशहरा के बाद अभियान चलाया जाएगा। हालांकि व्यवसायियों को पुलिस का खौफ नहीं रह गया है। यदि व्यवसायियों के पास पटाखे का लाइसेंस नहीं रहेगा तो वे पकड़े जाएंगे। हालॉकि ग्रामीण अंचलों में व्यवासायी चोरी छिपे पटाखे की कारोबारी करते हैं। जहां तक पुलिस नहीं पहुंच पाती। लोगों का कहना है कि पुलिस को अभी से सतर्क रहना होगाए तभी शुरूआती दौर में पटाखों के अवैध भंडारण पर नकेल कसा जा सकता है।
Published on:
02 Oct 2018 09:20 pm
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