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हसदेव नदी में गिरा व्यक्ति का मिला शव, ४८ घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

हसदेव नदी में गिरा व्यक्ति का शव तीसरे दिन आखिरकार मिला। ४८ घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा। रेलवे लाइन के किनारे-किनारे चलते ट्रेन आने के कारण रेलवे पुल से हसदेव नदी में गिर गया था।

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एसडीआरएफ व पुलिस की टीम तीसरे दिन सफलता हाथ लगी।
ज्ञात हो कि शुक्रवार की दोपहर कुछ लोग हसदेव नदी में नहा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति रेलवे ब्रिज से सीधे नदी में गिरा है। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही चांपा व जांजगीर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। फिर स्थानीय गोताखोरों की मदद से उसकी तलाश शुरू की गई। देर शाम तक उसकी तलाश की गई मगर उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद बिलासपुर से एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। एसडीआरएफ ने भी पूरे दिन खोजबीन की पर उसका कुछ पता नहीं चला। दूसरे दिन शनिवार सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। स्थानीय गोताखोर भी लगी रही। इसके बाद रात होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन बंद करना पड़ा। तीसरे दिन रविवार को फिर एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी दौरान निर्मार्णाधीन नया ब्रिज के पास बालपुर निवासी लैन कुमार पिता लगन साय केंवट (५०) का शव मिला। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से कमजोर था। वह रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड सहित अन्य जगह पर घुमता रहता था। रेलवे लाइन किनारे-किनारे वह चल रहा था। पुल के पास पहुंचा था कि मेंटनेंस वाली ट्रेन के चपेट में आने से वह हसदेव नदी में गिर गया। रविवार को जब उसकी लाश मिली तो पूरी तरह से लाश बदबू आ रही थी। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।
बहाव अधिक होने से लंबा चला रेक्स्यू
चांपा थाना प्रभारी मनीष सिंह परिहार ने बताया कि लैन सिंह जिस स्थान पर गिरा वहां गहराई के साथ पानी का बहाव भी तेज था। इसी कारण रेक्स्यू में परेशानी हुई। लोगों को चाहिए की रेलवे लाइन के किनारे बिल्कुल नहीं चलना चाहिए। टे्रन के चलने से आसपास कंपन होने से गिरने का खतरा बढ़ जाता है।
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