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डॉ. मरकाम पर दवा की जगह आठ लाख रुपए के स्टेशनरी सामान खरीदी करने का आरोप, जांच पर मरकाम ने ये कहा…

अस्पताल में स्टेशनरी की खरीदी उतनी महत्वपूर्ण नहीं थी। इतने ही बजट में मरीजों के हित के लिए दवा या जरूरी सामान खरीदा जा सकता था। जिसमें मरीजों की भलाई हो सकती थी।

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डॉ. मरकाम पर दवा की जगह आठ लाख रुपए के स्टेशरी सामान खरीदी करने का आरोप, जांच पर मरकाम ने ये कहा...

डॉ. मरकाम पर दवा की जगह आठ लाख रुपए के स्टेशरी सामान खरीदी करने का आरोप, जांच पर मरकाम ने ये कहा...

जांजगीर-चांपा. जिला अस्पताल के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. यूके मरकाम पर दवा की जगह आठ लाख रुपए के स्टेशनरी सामान खरीदी करने का आरोप लगे थे। मामले की शिकायत पर सीएचएमओ डॉ. वीके अग्रवाल ने जांच कराई, जिसमें तत्कालीन सिविल सर्जन ने अधिकारी को गोलमोल जवाब दे दिया। तत्कालीन सीएस डॉ. मरकाम का कहना था कि उनके कार्यकाल के पहले के अधिकारियों के द्वारा सामान खरीदी बिक्री में गोलमोल की गई है। जबकि अंत में बिलिंग का काम यानी चेक काटने का कार्य सीएस मरकाम ने ही की है।

सूत्रों का कहना है कि अस्पताल में स्टेशनरी की खरीदी उतनी महत्वपूर्ण नहीं थी। उतनी बजट में मरीजों के हित के लिए दवा या जरूरी सामान खरीदा जा सकता था। जिसमें मरीजों की भलाई हो सकती थी।

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गौरतलब है कि जिला अस्पताल के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. यूके मरकाम को मार्च 2019 में जिला अस्पताल के लाखों का बजट को खत्म करना था। इसके लिए 8 लाख रुपए के बजट को स्टेशनरी सामान व भवन के मरम्मत के नाम पर अनाप-शनाप बिल बनाकर आहरण कर लिया गया। जबकि इतनी बड़ी राशि का इस्तेमाल जिला अस्पताल में मरीजों की दवा या फिर अस्पताल में उपयोगी मशीन खरीदकर किया जा सकता था।

मामले की शिकायत सीएचएमओ डॉ. वीके अग्रवाल से की गई थी। डॉ. अग्रवाल ने मामले की जांच कराई। इसमें तत्कालीन सीएस डॉ. मरकाम ने जवाब में कहा कि बजट उनके कार्यकाल का नहीं था। भले ही अंतिम में सामान खरीदी उनके द्वारा की गई है। चेक काटने का काम उनके द्वारा की गई है।

फिजूल खर्च के लगे आरोप
सिविल सर्जन ने ऐसी दवा की खरीदी की है जिसकी उपयोगिता सालों साल तक नहीं होगी। यानी साफ तौर पर बजट खर्च करने के लिए फिजूलखर्ची की गई है। उपयोगिता के हिसाब से ऐसी दवा खरीदी की कोई औचित्य नहीं है। जबकि इतने पैसे से जीवन रक्षक दवा की खरीदी कर लेना था। बताया यह भी जा रहा है कि ऐसी दवा का काफी दिनों बाद इस्तेमाल किया जाता है। जिला अस्पताल में जो दवा खरीदी की गई है उसका इस्तेमाल भी बहुत कम होता है।

-जिला अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मरकाम के द्वारा सामान खरीदी में कुछ गड़बड़ी किए जाने की शिकायत मिली थी। इसकी जांच कराई गई। जिसमें सीएस का कहना था कि उनके कार्यकाल का स्टीमेट नहीं था। पुराने सीएस के द्वारा बजट तैयार किया गया था। चेक जरूर उनके द्वारा काटा गया था- डॉ. वीके अग्रवाल, सीएचएमओ