
जांजगीर-चांपा. सड़क निर्माण में मिट्टी के लिए जिला जेल के पीछे खाली पड़े मैदान की खुदाई जोर-शोर से की जा रही है। मैदान की खुदाई इतनी तेजी से हो रही है कि चंद दिनों में ही यह मैदान तालाब का रूप धारण कर लिया है। दरअसल यहां दिन-रात तीन-चार जेसीबी द्वारा मिट्टी के लिए मैदान की खुदाई कराई जा रही है और मैदान को मौत का गड्ढा बनाया जा रहा है। इसके चलते एक ओर शासन को लाखों का चूना लग रहा है वहीं आसपास के लोगों के लिए मुसीबतों का तालाब बनते दिखाई दे रहा हैं। इतने बड़े पैमाने पर चल रहे काले कारोबार से न तो खनिज विभाग को सरोकार है और न ही जिला प्रशासन को।
जिला मुख्यालय के अंतिम छोर में कालेज से सटे एवं जेल के पीछे सैकड़ों एकड़ में खाली पड़ा मैदान अपना अस्तित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। दरअसल इस मैदान की खुदाई कर सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार मिट्टी का उपयोग कर रहे हैं। इस काले कारोबार की जानकारी जिला प्रशासन को है या नहीं लेकिन ग्राम पंचायत खोखरा के जिम्मेदार सरपंच की भूमिका संदिग्ध जरूर लग रही है। क्योंकि यह भूमि ग्राम पंचायत खोखरा के अंदर आता है।
काम रुक नहीं पा रहा है। ग्राम पंचायत में इनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं की जा रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरपंच की भूमिका संदिग्ध है।
[typography_font:18pt;" >गौरतलब है कि जिले मुख्यालय के इर्द-गिर्द नेशनल हाइवे बाइपास रोड का निर्माण हो रहा है वहीं जांजगीर पामगढ़ टू लेन सड़क का निर्माण युद्ध स्तर पर जारी है। इन दोनों ही सड़कों के निर्माण के लिए लाखों हाइवा मिट्टी की जरूरत है। सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदारों को कहीं अन्य स्थानों से मिट्टी नहीं मिल रही है और बल्कि वे जेल बिल्डिंग के पीछे खाली पड़े मैदान की खुदाई कर दिन रात लाखों ट्रक मिट्टी की ढुलाई कर रहे हैं। इसके लिए तीन-तीन एक्सीवेटर मशीन लगी हुई है वहीं खुदाई के लिए और भी कई भारी भरकम मशीन लगाई गई है। इस तरह के कारोबार की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं है। इसके चलते प्रशासन की सैकड़ों एकड़ राजस्व भूमि छलनी हो रही है। इससे प्रशासन को लाखों का चूना लग रहा है। यदि खनिज विभाग से इसकी रायल्टी कटाई गई होती तो निश्चित ही शासन को लाखों का फायदा होता।
...तो नहीं रहेगा खेल का मैदान
जेल बिल्डिंग के पीछे हायर सेकंडरी स्कूल व स्कूल का छात्रावास है। स्कूल व छात्रावास के लड़के सुबह इसी मैदान में क्रिकेट मैच के अलावा एक्सरसाइस करते हैं। मैदान की लगातार खुदाई करने से मैदान अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। एक समय ऐसा आएगा जब छात्रों को खेल का मैदान भी नहीं मिल पाएगा। इस आशय की शिकायत खनिज विभाग के अफसरों से भी की जा चुकी है। इसके बाद भी ठेकेदार के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है।
खोखरा भांठा में मैदान की खुदाई की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो टीम भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी- केके गोलघाटे, जिला खनिज अधिकारी
Published on:
18 Dec 2017 05:32 pm
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