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पिता का नाम बदलकर छोटा भाई 25 वर्षों से एसईसीएल में कर रहा है नौकरी, बड़े भाई ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री समेत अन्य अफसरों को लिखा पत्र

Fraud Case: सारागांव थानांतर्गत गौरव ग्राम अफरीद निवासी नकुल सिंह राठौर पिता स्व. नाथूराम बीते 25 सालों से अपने पिता का नाम बदलकर नौकरी कर रहा है। इसकी शिकायत उसके बड़े भाई गोकुल सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी, कलेक्टर, एसपी सहित तमाम अफसरों से की है।

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पिता का नाम बदलकर छोटा भाई 25 वर्षों से एसईसीएल में कर रहा है नौकरी, बड़े भाई ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री समेत अन्य अफसरों को लिखा पत्र

पिता का नाम बदलकर छोटा भाई 25 वर्षों से एसईसीएल में कर रहा है नौकरी, बड़े भाई ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री समेत अन्य अफसरों को लिखा पत्र

जांजगीर-अफरीद. फर्जी तरीके से कर रहे नौकरी के मामले में बड़े भाई ने सीएम, गृहमंत्री समेत अन्य अधिकारियों को शिकायत पत्र लिखा है। शिकायत को छह माह बीत गए, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इसकी जांच नहीं कराई। इससे सरकारी कामकाज सवालों के घेरे में है। शिकायतकर्ता के पास केवल उच्चाधिकारियों का जवाब आता है कि आपकी शिकायत की जांच की जा रही है। नतीजा कुछ भी नहीं निकल रहा। इसके चलते शिकायतकर्ता परेशान है। शिकायतकर्ता का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने के ऊपर चारसौबीसी का मामला दर्ज की जाए।

सारागांव पुलिस के मुताबिक अफरीद निवासी नकुल सिंह पिता स्व. नाथू राम राठौर को जब नौकरी नहीं मिली तब वह कोरबा जिले के बलगी सुराकछार गया और वहां समार राय का दत्तक पुत्र बन गया। इतना ही नहीं वह अपने मार्कशीट सहित अन्य कागजात में अपने पिता का नाथू राम की जगह समार राय बनवा लिया। जो पूरी तरह से फर्जीवाड़े को दर्शाता है।

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इस बात की जानकारी उसके बड़े भाई पूर्व सरपंच गोकुल सिंह राठौर को हुई। गोकुल सिंह राठौर ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी, आईजी, कोरबा कलेक्टर सहित तमाम अफसरोंं से की। इसके बाद भी उसकी शिकायत की जांच किसी भी अफसरों ने नहीं की। बकायदा वह दो दशकों से अपने पिता का नाम बदलकर एसईसीएल में नौकरी कर रहा है और सरकार को सालाना लाखों का चूना लगा रहा है।

गांव में और भी कई लोग इस तरह कर रहे नौकरी
गौरव ग्राम अफरीद में और भी कई लोग एसईसीएल में फर्जी नाम से नौकरी कर रहे हैं। यदि सभी लोगों की सही सलामत जांच की जाए तो दर्जनों नाम उजागर होंगे। पहले होता यह था कि पर्ची बेस में लोगों की नौकरी लग जाती थी। कई लोग पर्ची में नाम, गांव बदलकर नौकरी पा जाते थे। पहले शिकायत भी कम होती थी, लेकिन जब से सूचना का अधिकार अधिनियम लागू हुआ है तब से इस तरह की शिकायत अधिक सामने आ रही है।

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-पिता का नाम बदलकर मैं नौकरी कर रहा हूं। जिसके नाम का इस्तेमाल कर रहा हूं उससे मेरी समझौता हो चुकी है। उसके हर जरूरतों की पूर्ति कर रहा हूं। इसके चलते उसे किसी तरह की आपत्ति नहीं है। मेरा बड़ा भाई का स्वार्थ पूरा नहीं होने के कारण वह इस तरह की शिकायत कर रहा है। नकुल सिंह राठौर, सेक्शन मैकेनिकल फीटर एसईसीएल बलगी