
प्रकाश इंडस्ट्रीज में कार्यरत कर्मचारियों व मजदूरों को तीन माह से नहीं मिला वेतन, श्रम विभाग ने भेजा नोटिस
जांजगीर-चांपा.जिले का सबसे बड़ा उद्योग प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने उद्योग के कर्मचारियों व मजदूरों का वेतन तीन माह से नहीं दिया है। रेग्यूलर कर्मचारी तो चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन मजदूर यूनियन श्रम विभाग का दरवाजा खटखटा दिया है। ऐसे में श्रम विभाग भी एक्शन मोड में आने की बात कह रही है। इस संबंध में उद्योग प्रबंधन का कहना है कि लॉकडाउन के चलते प्लांट में काम काज प्रभावित हुआ है। इसके चलते आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। आने वाले कुछ दिनों में हालात ठीक हो जाएंगे।
आपको बता दें कि जिले में प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड चांपा का बड़ा नाम है। यहां तकरीबन 8 से 10 हजार के कर्मचारी, ठेका कर्मचारी व श्रमिक कार्यरत हैं। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कंपनी से आसपास के लोगों को रोजगार दिया है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस प्लांट की माली हालत डगमगा गई है। प्लांट प्रबंधन अपने तकरीबन चार हजार से अधिक रेग्यूलर कर्मचारी को फरवरी महीने से वेतन नहीं दे पा रही है।
यदि अप्रैल को जोड़ा जाए तो सीधे-सीधे तीन माह हो रहा है। कायदे के मुताबिक किसी भी महीने के 26 तारीख के बाद कर्मचारी उस माह के वेतन का हकदार हो जाता है। विडंबना यह है कि नियमित कर्मचारी अपनी जमा पूंजी से काम चला रहा है लेकिन अंदाजा लगाया जाए तो उस मजदूर वर्ग का क्या हाल हो रहा है जो हर रोज कमाता है और हर रोज खाता है। ऐसे मजदूर वर्ग के परिवार में भूखों मरने की स्थिति निर्मित हो रही है।
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श्रम विभाग तक पहुंची शिकायत
बताया जा रहा है कि लगातार तीन माह तक मजदूरों का पगार प्रभावित होने से मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने श्रम विभाग का दरवाजा खटखटाया है। श्रम विभाग भी श्रमिकों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए आने वाले दिनों में प्लांट प्रबंधन के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने की बात कही है। ताकि उन गरीब मजदूरों का भला हो सके जो हर रोज पसीना बहाकर दो वक्त की रोटी की व्यवस्था करता है। हालांकि मजदूर यूनियन ने प्लांट प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इससे निश्चित ही प्लांट प्रबंधन मजदूरों के मजदूरी का भुगतान करेगा। नहीं तो श्रम विभाग भी कार्रवाई के लिए पैनी नजर गड़ाई हुई है।
रेग्यूलर कर्मचारी भी हलाकान
प्रकाश इंडस्ट्रीज के नियमित कर्मचारी भी लगातार तीन माह का वेतन नहीं मिलने से परेशान हैं। उन लोगों की परेशानी अधिक बढ़ गई है जो अच्छे खासे सैलरी में हैं और यही सैलरी के दम पर लक्जरी कार, बच्चों के बड़े स्कूलों की फीस व किराए का बंगला मेंटेन कर रहा है। एक कर्मचारी ने बताया कि बैंक में जो जमा पूजी भी उसी से तीन माह मेंटेन हो रहा है। यदि अब और वेतन में देर हुई तो कर्ज लेकर गुजारा करना पड़ेगा।
इस कारण बिगड़े हालात
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश का कामकाज प्रभावित हुआ है। 22 मार्च के बाद पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है। लॉकडाउन के कारण उद्योग जगत भी प्रभावित हुआ है। एक ओर उद्योगों में उत्पादन प्रभावित हुआ है तो आय के साधन भी ठप पड़ गए हैं। ऐसे में सभी वर्ग के लोगों के आय का साधन ठप हो चुका है। रही बात पीआईएल की तो, फरवरी माह के वेतन का भुगतान 10 मार्च तक हो जाना था। क्योंकि इससे पहले तो कोरोना नहीं था। अब यहां के कर्मचारियों को इस बात की चिंता सता रही है कि मार्च अप्रैल का वेतन न जाने कब मिलेगा। क्योंकि इस दौरान दो महीने तक उत्पादन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से काम पर भी नहीं गए थे।
-लॉकडाउन की वजह से प्लांट का काम काज प्रभावित हुआ था। अब काम शुरु हो रहा है। धीरे-धीरे सभी वर्ग के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान हो जाएगा। एके चतुर्वेदी, निर्देशक, पीआईएल
-पीआईएल से मजदूर यूनियन की शिकायत आई है। जिसमें मजदूरों के लंबित मजदूरी भुगतान के संबंध में जानकारी दी गई है। इस संबंध में प्लांट प्रबंधन को नोटिस दी गई है। उन्होंने जल्द भुगतान करने की बात कही है। केके सिंह, जिला श्रम पदाधिकारी
Published on:
26 Apr 2020 04:47 pm
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