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इसका सवाल विधायक ने सदन में उठाया था लेकिन पुलिस भी बेबस नजर आ रही है। क्योंकि चोर गिरोहों ने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया है। गिरोह का एक भी सदस्य मोबाइल रखा होता तो पकड़ा जाता। इधर पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि वारदात को अंजाम देने वाले विधायक के करीबी ही हैं। जिसके चलते उन्हें पकडऩा मुश्किल हो रहा है। क्योंकि जिस रात वहां चोरी हुई है उसी दिन वहां उनके करीबियों ने पार्टी भी मनाया था। इसके बाद वहां चोरी हुई। लेकिन बड़ा सवाल यहां यह उठता है कि आखिर उनके चाहे कितने भी करीबी हों चोरी की गुत्थी हर हाल में सुलझना चाहिए। ताकि जनता को जवाब दे सकें। दुखद यह है कि विधायक के घर के चोरी के बाद उसके पीए के घर का भी ताला टूटा था। इस मामले की भी अब तक अनसुलझी है। इसके बाद उन्हीं के करीबी एक अन्य कार्यकर्ता की कार की चोरी हुई है। लेकिन इस मामले में विधायक की चुप्पी भी लोगों के गले से नहीं उतर रही है। आखिर विधायक इस मामले में मुखर क्यों नहीं हो रहे हैं। मामले को खुद दबाने क्यों तुले हुए हैं। इस तरह के कई सवाल लोगों के जेहन में कौंध रहा है।
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चोरी की गुत्थी सुलझाने के लिए मैं स्वयं गृह मंत्री, डीजी, आईजी सहित तमाम अधिकारियों से मिल चुका लेकिन ठोस आस्वासन नहीं मिल रहा। पुलिस का कहना है कि टीम बनाए हैं और मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस केवल हमें गुमराह कर रही है।
-केशव प्रसाद चंद्रा, विधायक जैजैपुर
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Published on:
08 Aug 2022 10:05 pm
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