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RTE Admission 2026: बड़ी खुशखबरी… नर्सरी कक्षा के बजाए अब सीधे कक्षा पहली मेें मिलेगा दाखिला, देखें Details

RTE Admission 2026: प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रदेश में बदलाव की तैयारी चल रही है।

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आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया (photo-patrika)

आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया (photo-patrika)

RTE Admission 2026: प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रदेश में बदलाव की तैयारी चल रही है। अब तक निजी स्कूलों में आरटीई के तहत नर्सरी क्लास से भी बच्चों को प्रवेश मिलता आ रहा था, लेकिन आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 से नर्सरी में प्रवेश बंद कर सीधे कक्षा पहली/क्लास वन से एडमिशन देने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग रायपुर ने आदेश भी जारी कर दिया है। हालांकि इस आदेश का निजी स्कूलों के द्वारा विरोध भी किया जा रहा है।

संघों का कहना है कि शासन द्वारा पैसे बचाने यह नियम लाया गया है। यदि छात्र नर्सरी कक्षा से ही निजी स्कूल में अध्ययन करेगा तो शासन को नर्सरी, पीपी-1 और पीपी-2 की फीस भी देनी होगी। शासन इसमें बचत करने के लिए नया नियम लेकर आ रही है। बाल्यावस्था की शिक्षा 3-6 वर्ष तक सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है, जहां भाषा, व्यवहार और सीखने की नींव रखी जाती है। आर्थिक रूप से सक्षम वर्ग के बच्चे निजी स्कूलों में नर्सरी से पढ़ाई जारी रखेंगे, जबकि गरीब बच्चे सीधे पहली कक्षा में प्रवेश लेकर शैक्षणिक असमानता के शिकार होंगे। यह निर्णय बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ाएगा और ड्रॉप-आउट की आशंका को बढ़ावा देगा।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटें गरीब वर्ग के लिए आरक्षित रखी जाती हैं। नर्सरी, पीपी-1 और पीपी-2 सहित पहली कक्षा में आरटीई के जरिए प्रवेश दिए जाते हैं। इन कक्षाओं में प्रवेश प्राप्त करने वाले छात्र आगे की पढ़ाई संबंधित निजी स्कूलों में ही जारी रखते हैं।

आदेश के मुताबिक, अब गरीब छात्रों के पास केवल पहली कक्षा में ही दाखिले का अवसर होगा। अब तक पहली कक्षा सहित नर्सरी कक्षाओं में भी प्रवेश के लिए आवेदन करने का मौका आरटीई के अंतर्गत होता था। नर्सरी में मनचाहे स्कूल में दाखिला नहीं मिल पाने पर छात्र आने वाले वर्षों में अगली कक्षाओं के लिए आवेदन करने पात्र होते थे। अब यह विकल्प छात्रों के पास नहीं होगा।

बदलाव से एकरूपता आने का दावा

किसी निजी विद्यालय में नर्सरी कक्षा से स्कूलिंग की शुरुआत होती है तो कहीं पहली कक्षा शुरुआती कक्षा होती है। जिस निजी विद्यालय में जो निजी कक्षा होती है, वे वहीं से आरटीई दाखिले की शुरुआत करते हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, एकरूपता लाने यह प्रयोग किया जा रहा है।

आदेश के बाद अब सभी निजी विद्यालयों में पहली कक्षा से ही प्रवेश होंगे। निजी स्कूलों के समक्ष एक समस्या सीट संख्या को लेकर भी है। चूंकि आरटीई के लिए कुल सीटों का 25 प्रतिशत आरक्षित करना होता है, ऐसे में नर्सरी से पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले 25 प्रतिशत विद्यार्थियों को स्कूल से बाहर करना होगा अथवा पहली कक्षा की सीटें नर्सरी कक्षा से 25 प्रतिशत अधिक रखनी होगी।

आदेश आया है : खंड प्रभारी

जांजगीर-चांपा के आरटीई खंड प्रभारी ठा. आशुतोष सिंह ने बताया कि इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग से एक आदेश आया है। हालांकि डीपीआई से आदेश जारी होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कब से लागू होगा।