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अभियोजन के अनुसार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक एवं मार्कफेड में एकतरफा राज करने करने वाले नोडल अधिकारी के घर एसीबी का १६ फरवरी २०१७ को छापा मारा गया था। धान खरीदी में सालाना करोड़ो रुपए का खेल करने वाले अफसर की लोगों ने एसीबी के अफसरों को सूचना दी थी। जिस पर अधिकारियों ने उनके भैसदा स्थित घर में दबिश देकर उनके संपत्ति का ब्योरा लिया था। एसीबी के डीएसपी विश्वनाथ चंद्राकर सहित अधिकारियों की टीम पुलिस के चाक चौबंद व्यवस्था के बीच नोडल अधिकारी श्रवण सिंह के घर छापेमारी की। बंद कमरे में अधिकारियों ने आठ घंटे तक आय से जुड़े संपत्ति की जांच पड़ताल की। जांच में अधिकारियों ने करोड़ो की बेहिसाब संपत्ति का उजागर किया। नोडल अधिकारी ने जांजगीर, भैसदा, बिलासपुर, रायपुर सहित कई ठिकानों में करोड़ो रुपए की जमीन खरीदी की है। यह जमीन उसने अपने बेटे, बेटियां, भाई, भतीजे सहित अन्य रिश्तेदारों के नाम से खरीदी की गई है। एसीबी को छापेमारी में २ करोड़ २ लाख ३५ हजार ५८९ रुपए का चल व अचल संपत्तियों का कब्जा था। इसमें ८२ लाख ६० हजार ५४५ रुपए अपने वैध स्त्रोत से अधिक मिला। जिसके लिए संतोषजनक रूप से हिसाब नहीं दिया है। इसके बाद लगातार पेशी चल रहा था। आरोपी की आयु, अपराध की प्रकृति, ४०.११ प्रतिशत आय से अधिक राशि, भ्रष्टाचार निवारण की धारा २३ के प्रावधानों और मामले की अन्य परिस्थतियों को ध्यान में रखते हुए श्रवण सिंह को ५ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही ५ लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि की नहीं पटाने पर एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई।
लगते रहे यह आरोप
ज्ञात हो कि पूर्व नोडल अधिकारी पर पद में रहते हुए करोड़ो रुपए के धान खरीदी में अफरा-तफरी करने का आरोप लगते रहा है। इतना ही नहीं जिले के नवागढ़ ब्लॉक के सभी समितियों में उनके इशारे में अभी भी धान खरीदी का संचालन करने का आरोप लगता है। पहले अपने परिवार के सात सदस्यों के नाम पर बिना जमीन के सोसायटी में करोड़ो रुपए के धान बिक्री करने का आरोप लगा था। इन सभी मामले को लेकर पांच सूत्रीय शिकायत एनसीपी के दीपक दुबे ने राज्यपाल से की थी। उन पर यह भी आरोप लगते रहता है कि उनकी सालाना काली कमाई करोड़ो रुपए की होती है। ऊंची पकड़ के चलते उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। यही वजह है कि आज तक उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। वर्षों बाद उसके ठिकाने में एसीबी का छापा पड़ा और पांच साल के जेल भेजे गए।
शादी करवाकर व साड़ी बांटकर बटोरी थी उपलब्धि
एसीबी के छापे के बाद स्पष्ट हो गया कि वे अवैध रूप से काली कमाई कर बेनाम संपत्ति हासिल किया था। इसके अलावा श्रवण सिंह गरीब बेटी का शादी व साड़ी बांटकर अपनी उपलब्धि हासिल भी की थी। अपनी काली कमाई के कुछ हिस्से को शायद इसी में दान के रूप में देकर कुछ पुण्य लाभ भी करता था।
Published on:
20 Apr 2022 10:08 pm
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