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चार फीट लंबा मगरमच्छ निकला गांव के सैर पर… देखते ही लोगों के फूले हाथ-पांव फिर हुआ कुछ ऐसा

कोटमीसोनार में तीन करोड़ की लागत से देश का दूसरे नंबर का क्रोकाडायल पार्क

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कोटमीसोनार में तीन करोड़ की लागत से देश का दूसरे नंबर का क्रोकाडायल पार्क

कोटमीसोनार में तीन करोड़ की लागत से देश का दूसरे नंबर का क्रोकाडायल पार्क

जांजगीर-चांपा. रविवार की रात १० बजे एक 4 फीट का मगरमच्छ सैर पर निकल था। ग्रामीणों की नजर पड़ी तो उन्होंने कड़ी मशक्कत के साथ पकड़ा और वन विभाग को सौंप दिया। जहां टीम द्वारा क्रोकोडायल पार्क में रात ११ बजे छोड़ा गया।


ज्ञात हो कि २००७ में जिले के कोटमीसोनार में तीन करोड़ की लागत से देश का दूसरे नंबर का क्रोकाडायल पार्क का निर्माण किया गया है। जिसमें गांव के आसपास के मगरमच्छों को संरिक्षत करना है। सरकार ने यहां पार्क का निर्माण तो कर दिया है कि लेकिन उसका संरक्षण नहीं कर पा रहा है। जिससे आज भी कई तालाबों में बड़ी संख्या में मगरमच्छ है।

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जिसके कारण आए दिन गांव में मगरमच्छ स्वच्छंद विचरण करते देखा जा सकता है। क्रोकोडायल पार्क से दो किलो मीटर की दूरी पर कर्रानाला बांध सैकड़ों एकड़ फैला हुआ है। जिसमें बड़ी संख्या में आज भी मगरमच्छ है। रविवार की रात १० बजे एक 4 फीट मगरमच्छ सैर करते हुए बांध से लगे मोहल्ला सबरिया डेरा की ओर जा रहा था। तब अचानक ग्रामीण संजय सबरिया, लाल सतनामी की नजर उस पर पड़ी। उन्होंंने तत्काल आसपास के लोगों को बुलाया और कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा। फिर वन विभाग की टीम को फोन कर बुलाया। फिर उन्हें सौप दिया। वन विभाग की द्वारा रात ११ बजे मगरमच्छ को पार्क को छोड़ा गया।


सप्ताह भर पहले भी निकला था मगरच्छ
सप्ताह भर पहले भी गांव के चिलाबोर तालाब से एक मगरमच्छ निकला हुआ था। जिसे भी ग्रामीणों की मदद से वन विभाग की टीम द्वारा पार्क में छोड़ा है। जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। कभी भी यह मगरमच्छ लोगों की जान का खतरा बन सकता है। इसके बावजूद अब वन विभाग की टीम अन्य तालाब से पार्क में शिफ्ट नहीं कर पा रहे है। वन विभाग हाथ में हाथ धरे बैठी हुई है ।


कर्रानाला में बड़ी संख्या में है मगरमच्छ
पार्क से दो किलोमीटर की दुरी पर कर्रानाला बांध में बड़ी संख्या में मगरमच्छ होने की बात आ रही है। जो आए दिन एक-एक करके बाहर निकलकर गांव में पहुंच रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि शासन क्रोकोडायल पार्क जैसा कर्रानाला बांध को फेसिंग तार से घेर कर सुरक्षित करें। जिससे मगरमच्छों का बाहर निकलना बंद हो सकता है ।


वन विभाग की टीम के पास पर्याप्त सामान भी नहीं
वन विभाग के रेस्क्यू टीम के पास पर्याप्त सामान भी उपलब्ध नहीं है। जिससे मगरमच्छ पकडऩे में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेस्क्यू टीम के पास एक डंडे और बोरी के अलावा कुछ भी नहीं है। जिससे बड़ी मशक्कत के बाद टीम मगरमच्छ को पकड़ पाती है।


-कर्रानाला बांध को देखना पड़ेगा। यदि बड़ी संख्या में मगरमच्छ है तो क्रोकोडायल पार्क में शिफ्ट करेंगे। इसकी कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजना पड़ेगा। रेस्क्यू टीम भेजकर मगरमच्छ को शिफ्ट किया जायेगा।
-सुनील बच्चन, एसडीओ, वन विभाग