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Breaking- बड़ा रेल हादसा टला, इंजन से अलग हुई गीतांजली एक्सप्रेस की बोगी, मचा हड़कंप

सारागांव स्टेशन से पहले नए बने यार्ड के पास बड़ा हादसा होते-होते बचा

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सारागांव स्टेशन से पहले नए बने यार्ड के पास बड़ा हादसा होते-होते बचा

सारागांव स्टेशन से पहले नए बने यार्ड के पास बड़ा हादसा होते-होते बचा

जांजगीर-चांपा. शिवजी टर्मिनल से हावड़ा जा रही ट्रेन 12869 गीतांजली एक्सप्रेस में सोमवार सुबह जांजगीर जिले के अंतर्गत सारागांव स्टेशन से पहले नए बने यार्ड के पास बड़ा हादसा होते-होते बचा। यहां सुबह 10 बजे के करीब ट्रेन की बोगी एक-दूसरे से अलग हो गई।

इसके बाद जैसे ही गार्ड ने इसकी जानकारी पायलेट को दी उसने इंजन को रोका और उसे बोगी से जोड़कर फिर रवाना किया गया। ट्रेन में सफर कर रहे लोगों का कहना है एक्सप्रेस की पिछली बोगी पटरी से उतर गई है


भोपाल निवासी पूंजलाल निनामा इस ट्रेन में सफर कर रहे हैं। जब उनसे किसी के माध्यम से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि ट्रेन सोमवार सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर जैसे ही सारागांव स्टेशन से पहले यार्ड के पास पहुंची उसमें तेज झटका लगा। इससे बोगी बैठे कुछ यात्रियों को मामूली चोट भी आई। उनका कहना है कि ट्रेन की बोगी नंबर एस-7 और एस-8 पटरी से उतरी, लेकिन चांपा जीआरपी ने इस महज अफवाह बताया है।

उनका कहना है कि कपलिंग अलग होने से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी। बाद में उसे फिर से इंजन से जोड़ा गया। इसमें में ट्रेन लगभग एक घंटे तक खड़ी रही इसके बाद उसे सुबह 11.02 मिनट पर रवाना कर दिया गया। जीआरपी प्रभारी का कहना है कि यदि ट्रेन की बोगी पटरी से उतरी होती तो एक घंटे में उसे रवाना करना नामुमकिन था। जिस समय यह दुर्घटना घटी उस समय कई पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों का कोरबाबिलासपुर की तरफ आना-जाना होता है। लगभग एक घंटे तक पटरी में एक्सप्रेस के खड़े रहेने सभी ट्रेने लेट हुईं।

टूटे हुए कपलिंग को रायगढ़ में उतारा
सारागांव रेलवे स्टेशन पर करीब एक घंटे मुंबई हावड़ा डुप्लीकेट गीताजंलि एक्सप्रेस को रोकने के बाद उसे 11.05 में रायगढ़ की ओर रवाना किया गया। जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। ट्रेन को कुछ देर के लिए रायगढ़ भी रोका गया था। जहां कैरेज एंड वैगन विभाग द्वारा टूटे हुए कपलिंग को ट्रेन से उतारा गया। संरक्षा के दुष्टिकोण से इस एक बड़ी घटना का नाम दिया जा रहा है।


मेंटनेंस का अभाव की चर्चा
रेलवे के जानकारों की माने तो ट्रेन के छूटने वाले स्टेशन से उसकी पूरी जांंच होती है। कोचिंग डिपो में उसके एक्सल, कपलिंग के अलावा अन्य जांच की जाती है। उसके बाद ही ट्रेन को रवाना किया जांता है। उसके बावजूद यह घटना हुई, वो भी स्लीपर कोच में। जिसका भार क्षमता एक समान्य औसत मेंं रहती है। जबकि मालवाहक ट्रेनों में लोडिंग सामान के अनुसार उसके वजन मे उतार चढ़ाव होते रहता है।

कपलिंग निकल जाने से ट्रेन की बोगी अलग
सारागांव के पास कपलिंग निकल जाने से ट्रेन की बोगी अलग हो गई थी. बाद में उसे फिर से जोड़कर रवाना किया गया है।
-जीपी राठौर, प्रभारी, जीआरपी थाना चांपा