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स्वास्थ्य विभाग 18 दिन बाद भी जारी नहीं कर पाया मेरिट सूची, स्वास्थ्य विभाग देरी की बता रहे हैं ये वजह…

Health Department: डीएमएफ से जिले के एनआरसी में स्टाफ भर्ती की प्रक्रिया स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के लचर व्यवस्था की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।

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स्वास्थ्य विभाग 18 दिन बाद भी जारी नहीं कर पाया मेरिट सूची, स्वास्थ्य विभाग देरी की बता रहे हैं ये वजह...

स्वास्थ्य विभाग 18 दिन बाद भी जारी नहीं कर पाया मेरिट सूची, स्वास्थ्य विभाग देरी की बता रहे हैं ये वजह...

जांजगीर-चांपा. एक दिन में ही आवेदन से लेकर स्कू्रटनी, वाक इन इंटरव्यू और मेरिट सूची निकालने तक की पूरी प्रक्रिया का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग (Health Department) आवेदन जमा लेने के 18 दिन बाद मेरिट सूची तक जारी नहीं कर पाया। दावा आपत्ति के निराकरण के बाद भर्ती प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है। इधर जिन आवेदकों ने भर्ती के लिए एप्लाई किया है वे भटकने मजबूर हो रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग अब आवेदन ज्यादा संख्या में आ जाने को देरी की वजह बता रहा हंै।

दअरसल, जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य में पोषण पुनर्वास केंद्रों की स्थापना होनी है जिसमें डायटिशियन, कुक और अटेंडर की भर्ती की जानी है। इसमें डायटिशन और कुक के लिए मेरिट सूची तो सुबह आवेदन जमा लेने के बाद उसी दिन जारी कर दी गई, लेकिन अटेंडर के 20 पदों की भर्ती की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। अटेंडर के लिए 23 अक्टूबर को शासकीय जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र में स्वास्थ्य विभाग ने भर्ती प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया था। जिसमें दोपहर 12 बजे तक आवेदन जमा लेने, फिर स्कू्रटनी और दावा आपत्ति के बाद वॉक इन इंटरव्यू और फिर मेरिट सूची जारी करने की सूचना अभ्यर्थियों को दी गई थी। लेकिन, 20 पदों के लिए 1600 से ज्यादा लोग पहुंच गए।

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ऐसे में आनन-फानन में अफसरों ने बैठक कर 23 अक्टूबर को केवल आवेदन जमा लेने एलाउंस करते हुए अन्य प्रक्रियाओं को स्थगित कर दिया और आगामी दिनों में लेने की जानकारी दी। इसको लेकर कई अभ्यर्थियों ने आक्रोश भी जताया। इधर, 23 अक्टूबर बाद से लेकर अब तक दावा आपत्ति और उसका निराकरण नहीं हो पाया है। वहीं मेरिट लिस्ट कब जारी होगी और इंटरव्यू कब होगा, इसका कोई अता-पता नहीं है। अधिकारी खुद नहीं बता पा रहे हैं कि कितना समय और लगेगा। ऐसे में अभ्यर्थी जानकारी के अभाव में भटकने मजबूर हैं।

इधर कर्मचारियों की कमी और ग्रेडिंग को बता रहे वजह
अटेंडर भर्ती में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह तर्क दे रहे हैं 20 पदों के लिए इतने आवेदन आने की बिल्कुल संभावना नहीं थी। आवेदन ज्यादा होने से देरी हो रही है क्योंकि इन दौरान भर्ती प्रक्रिया में दो शामिल दो कर्मचारियों का स्थानांतरण भी हो गया। वहीं मेरिट सूची ग्रेडिंग के आधार पर बनानी है जिसमें काफी दिक्कतें हो रही है। ग्रेडिंग के संबंध में शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी है। इन सब वजहों को अब स्वास्थ्य विभाग के अफसर देरी का कारण बता रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह भी कि कुक और डायटिशन की तो मेरिट सूची जारी हो चुकी है तो इसमें फिर देरी क्यों की जा रही है।

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बेरोजगारों के साथ मजाक जैसा
नौकरी की उम्मीद दिखाने के बाद भर्ती प्रक्रिया में इस तरह का व्यवहार बेरोजगारों के साथ मजाक जैसा साबित हो रहा है। अभ्यर्थियों को अब डर भी लगने लगा हैं, क्योंकि इसके पूर्व भी 2016 में एक बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्टाफ नर्स की भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई थी जिसमें चयन सूची जारी होने के बाद भर्ती प्रक्रिया रद्द हो गई थी, जिसके कारण कई अभ्यर्थी आज भी भटक रहे हैं। ऐसा ही डर फिर से अभ्यर्थियों को सताने लगा है।