
इसका जीता जागता उदाहरण गिधौरी ग्राम पंचायत
नवीन सराफ/बम्हनीडीह. विकासखंड में इन दिन जनपद सीईओ की लचर कार्यशैली के चलते खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण गिधौरी ग्राम पंचायत है।
यहां के गरीबों को पक्का आवास देने के लिए शासन से लगभग 33 आवास स्वीकृत हुए हैं, लेकिन जब तक यह लोग पूरी राशि लेते उससे पहले ही सरपंच पति मनीराम साहू ने उनसे 20-30 रुपए कमीशन ऐंठ लिया और धमकी दी कि यदि किसी ने शिकायत की तो वह उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं दिलाएगा। इस डर से ग्रामीण कुछ भी नहीं बोल रहे हैं,
लेकिन कहते हैं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो कि गलत कार्य स्वीकार नहीं करते। उनमें से यहां तीन ग्रामीणों ने खुलकर बोलने की हिम्मत जुटाई। उन्होंने पत्रिका टीम के कैमरे के सामने बोला कि सरपंच पति ने उसने रिश्वत लिया है।
लगातार हितग्राहीयो से वसूली
सरपंच पति द्वारा गरीबों से रिश्वत लेने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी शिकायतें मिल चुकी हैं। उसके द्वारा गरीबों को बनाया जा रहा है कि आवास स्वीकृत करने में अधिकारियों को कमीशन देना पड़ता है और इस आधार पर वह उनके हक में डाका डाल रहा है। इतना ही नहीं जो ग्रामीणों की माने तो जो कमीशन देने से मना करता है मनीराम साहू उसका नाम योजना से कटवा देने की धमकी देता है।
सरपंच पति यह दे रहा बयान
ग्रामीण कहीं गलत आरोप तो नहीं लगा रहे इसकी सच्चाई जानने के लिए जब सरपंच पति मनीराम साहू से सवाल किया गया तो उसने कहा कि जाओ जिससे कहना कह दो वह 20-30 हजार नहीं बल्कि एक-एक लाख रुपए कमीशन लेता है और उसमें अधिकारियों व अन्य लोगों को बांटता है। इस बयान से साफ है कि कहीं न कहीं उसे अधिकारियों का सह प्राप्त है और उसके खिलाफ न तो जांच हो रही न ही कार्यवाही।
सरपंच पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
ग्राम पंचायत गिधौरी मे जमकर भ्रष्टाचार की गई है जैसे की सी सी रोड निर्माण कार्य नाली निर्माण कार्य भवन निर्माण कार्य व पंचायत के काया कल्प करने के लिये शासन के द्वारा भेजी गई मुलभूत की राशि मे भी जमकर बंदर बाट कर सरपंच चित्ररेखा साहू व उसके पति मनी राम साहू अपनी जेब भरने मे लगे है जिसे पंचायत कि स्थिति खराब हो रही है और अधिकारी भी इस पंचायत की ओर ध्यान तक नही दे रहे है
जिसका पुरा फायदा सरपंच उठा रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत में मूलभूत की राशि आती है, जिससे ग्रांव का विकास किया जाता है, लेकिन सरपंच सचिव मिलकर राशि को निकालते हैं और उसे अपने निजी कार्य के लिए खर्च कर देते हैं या फिर छोटे कार्य में अधिक खर्च होना बताकर कमीशन खाते हैं। लोगों का कहना है कि इसकी जांच की जाए तो अपने आप सच्चाई सामने आ जाएगी।
Published on:
25 May 2018 05:09 pm
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