script3.67 करोड़ में 25 फीसदी भी नहीं वसूल पाए ‘कर’ इसलिए नगर पालिका की माली हालत खराब | In the 3.67 crore, 25 percent did not even get 'tax' | Patrika News

3.67 करोड़ में 25 फीसदी भी नहीं वसूल पाए ‘कर’ इसलिए नगर पालिका की माली हालत खराब

locationजांजगीर चंपाPublished: Oct 13, 2018 07:38:34 pm

Submitted by:

JYANT KUMAR SINGH

अब तक वसूली का आंकड़ा 80 लाख भी पार नहीं छुआ

अब तक वसूली का आंकड़ा 80 लाख भी पार नहीं छुआ

अब तक वसूली का आंकड़ा 80 लाख भी पार नहीं छुआ

जांजगीर-चांपा. पालिका द्वारा निर्धारित कर पटाने जिला मुख्यालय के लोग बेपरवाह हैं। पालिका का कर नहीं पटने से नगरपालिका की माली हालत दिन बद दिन खराब होते जा रही है। यहां सालाना तीन करोड़ 67 लाख रुपए का कर वसूल किया जाता है जिसमें नगरपालिका ने एक करोड़ का कर भी नहीं वसूल पाई है।
यानी आंकड़ा 25 फीसदी भी नहीं पहुंच पाया है। ऐन वक्त में दीवाली का त्योहार है। यदि नगर के लोग समय पर करों का भुगतान नहीं किया तो नगरपालिका के कर्मचारियों को वेतन के लाले होना पड़ जाएगा। कर नहीं पटने से शहर विकास की कल्पना बेमानी साबित हो रहा है।

कर वसूली में नगरपालिका जांजगीर नैला फिसड्डी होते जा रही है। 45 हजार आबादी वाले पालिका के लोग शहरी सुविधा का उपभोग कर रहे हैं, लेकिन विभिन्न तरह का कर पटाने कोताही बरत रहे हैं। ऐसे में नगर विकास की कल्पना बेमानी साबित हो रहा। शहर के विकास के लिए नगरपालिका संपत्ति कर, समेकित कर, जल कर, दुकान कर, मनोरंजन कर सहित अन्य कर वसूल करती है।
शहर के तकरीबन 20 हजार करदाताओं से तीन करोड़ 67 लाख रुपए का कर वसूल किया जाता है जिसमें नगरपालिका ने एक करोड़ का कर भी नहीं वसूल पाई है। सात माह में 80 लाख के करों की वसूली हो पाई है। यानि आंकड़ा 25 फीसदी भी नहीं पहुंच पाया है। ऐन उपर का कर वसूलना है।
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शहर के लोग पालिका को कर पटाने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इससे पालिका की माली हालत खराब होते जा रही है। शहर में जो विकास होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा। पालिका के जिम्मेदार व्यवस्था बनाने जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले के अधिकारी पालिका की राशि में बंदरबाट कर चलते बने इससे हालत बिगड़ गई है।


क्या हो रहा असर
पालिका में नियमित कर नहीं पटने से विकास कार्य का बंटाधार है। वहीं पालिका के कर्मचारियों को नियमित वेतन नहीं मिल पा रहा। कर्मचारियों के दिन फांके में गुजर रहे हैं। यदि वर्तमान में करों का भुगतान नहीं हुआ तो एक बार फिर नगरपालिका के कर्मचारियों को दीवाली सीजन में वेतन के लाले होना पड़ सकता है। जिसे देखते हुए नगरपालिका के कर्मचारी करों के भुगतान के लिए मुनादी करा रही है। जिसका असर शहर के लोगों को नहीं हो रहा है। लोगों के बीच यही मानसिकता रहती है कि फरवरी मार्च में करों का भुगतान करेंगे। ऐसे में नगरपालिका के कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


घर -घर दस्तक देंगे कर्मचारी
कर वसूली के लिए नगरपालिका के कर्मचारी घर -घर वसूली करने निकलेंगे। बड़े बकायादारों की लिस्ट तैयार की जा रही है। ऐसे लोगों के घर पालिका पहले दबिश देगी। ताकि पालिका को कुछ राहत मिल सके। वहीं शहर के कोने कोने में निवासरत लोगों का कर वसूलने बहुत जल्द निकलने वाली है। गौरतलब है कि नगर में सबसे अधिक कर राइस मिलर्स का रहता है। उन्हें बार-बार आगाह किया जाता है। तब जाकर उनके करों का भुगतान होता है।


हर माह चाहिए 30 लाख का वेतन
नगरपालिका में हर माह 30 लाख रुपए का वेतन चाहिए। पालिका में 72 नियमित कर्मचारी हैं। जिन्हें 15 से 20 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है। वहीं लगभग 50 प्लेसमेंट एवं अन्य कर्मचारी हैं। इन्हें तकरीबन नौ से 10 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है। पालिका को कर्मचारियों के वेतन में ही सालाना तीन करोड़ चाहिए। पालिका तकरीबन साढ़े तीन करोड़ के कर में केवल 70-80 लाख रुपए ही वसूल पाई है। अभी भी वसूली के लिए पालिका के कर्मचारियों को हाड़तोड़ मेहनत करना होगा।


कर वसूली के लिए चलेगा अभियान
नगरपालिका में कर वसूली की स्थिति खराब है। तकरीबन ढाई करोड़ का कर बकाया है। इसकी वसूली कड़ाई से की जाएगी। ताकि पालिका की माली हालत मजबूत हो सके।
-सुशील चंद शर्मा, सीएमओ नपा जांजगीर नैला

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