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शहर में सार्वजनिक जगह सड़क किनारे व धार्मिक स्थलों के पास खुले में लगती है मांस-मटन की दुकानें

शहर में ह्दय स्थल कचहरी चौक, सार्वजनिक जगह, सड़क किनारे व धार्मिक स्थलों के सामने खुलेआम मांस-मटन की दुकानें संचालित हो रहा है। इससे आसपास क्षेत्र का माहौल भी खराब हो रहा है। लोगों का आसपास से गुजरना मुश्किल हो गया है। आसपास के अन्य दुकान वाले का व्यापार भी मंदा चल रहा है। कार्रवाई के अभाव में हर रोज खुले में एक नया मांस, मटन की दुकान खुल जा रहे है। इसके बावजूद जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे है।

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शहर में सार्वजनिक जगह सड़क किनारे व धार्मिक स्थलों के पास खुले में लगती है मांस-मटन की दुकानें

khule me mans ki dukane

शहर में लंबे समय से मांस-मछली की दुकानें खुले रूप से चल रही हैं। सड़क किनारे ठेले पर ही मछली, अंडे, चिकन की दुकान खोल रखी हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इसी के आसपास सामान्य खाद्य सामग्री की दुकानें भी खुली हैं, जिससे खुले रूप में लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। अब नई सरकार के खुले रूप से मांस बिक्री के आदेश से कार्रवाई की उम्मीद जागी है। दरअसल शहर के मुख्य मार्गों पर मांस, मटन, अंडे की कई दुकानें खुली हुई हैं, जिसकी बदबू से दिनभर लोगों का बुरा हाल रहता है। अंडे की दुकानें तो कई जगहों पर आसानी से दिख जाएंगी। सामान्य तौर पर जो लोग खाद्य सामग्री लेने जाते हैं, उसी के आसपास अंडे और मांस की दुकानें भी चल रही हैं। जिला मुख्यालय पर हालात ये हैं कि जैन मंदिर के पास, सरस्वती शिशु मंदिर मुख्य मार्ग के किनारे लोहे की जालियों में रखकर मांस और मछली बेची जाती है। बस स्टैंड के पास ऐसी कई दुकानें लगती हैं। जिला मुख्यालय के ह्दय स्थल कचहरी चौक, पटेल उद्यान के सामने, शारदा चौक, पुराना सब्जी मंडी, गांधी चौक के पास भी मांस, मछली व अंडा की दुकानें लगती हैं। केवल शहर ही नहीं बल्कि पूरे जिले में मांस, मछली की दुकानें खुले में ही रहवासी क्षेत्र में लगती हैं।


अधिकांश मांस, मटन दुकान के पास लाइसेंस नहीं


खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अनुसार इन दुकानों के लिए शर्तें लागू होती हैं। इसके अनुसार मांस, मटन दुकान वालों को पंजीयन व लाइसेंस लेना अनिवार्य है। १२ लाख रुपए से अधिक सालाना बिक्री या प्रतिदिन २ बड़े पशु, १० छोटे पशु व ५० से अधिक मुर्गे बेचने वालों को लाइसेंस लेने का नियम है। साथ ही १० छोटे पशु व ५० से कम मुर्गे की बिक्री करने वाले दुकानदार पंजीयन कराकर दुकानें संचालित कर सकते हैं। खाद्य एवं औषधि विभाग में ऑनलाइन आवेदन देकर लाइसेंस बनवा सकते है। लेकिन ऐसा अधिकांश दुकानदार नहीं कर रहे हैं।


सी-मार्ट परिसर बन गया शराबियों का अड्डा
कचहरी चौक स्थित सी-मार्ट परिसर शाम होते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है। ह्दय स्थल कचहरी चौक पास मेन रोड में ही मांस, मछली की खुलेआम बिक्री कर रहे हैं। इससे शराबियों को आराम से चखना मिल जा रहा है और अंधेरे का फायदा उठाकर शराबखोरी कर रहे है। शराब की बोतल को फोड़कर चले जाते हैं, इससे सुबह के समय आसपास के लोगों व स्कूल के छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वर्जन
सार्वजनिक जगहों में संचालित मांस, मछली दुकानों को लेकर संबंधित जानकारी जुटाया जाएगा। इसके बाद अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित स्थान पर ही मांस, मछली की दुकान चला सकते हैं।
चंदन शर्मा, सीएमओ, नपा
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