जिले में संचालित जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर में पिछले वर्ष सामान खरीदी में व्यापक गड़बड़ी की गई थी। हास्टल में राशन सामान से लेकर बेड खरीदी तक का फर्जी भुगतान कर लाखों का वारान्यारा किया गया था। ट्रेनिंग सेंटर चलाने वालों ने सीएमएचओ से सांठगांठ कर लाखों का फर्जी बिल भुगतान किया था। जिसकी शिकायत राज्य शासन से की गई थी। चार माह पहले इसकी जांच के लिए ज्वाइंट डायरेक्टर मधुलिका सिंह को जिम्मा दिया गया था। मधुलिका सिंह यहां जांच करने आई भी थी। उन्होंने जांच करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इतनी गड़बड़ी पाई कि उसे बीच में ही जांच छोडऩा पड़ा। आखिरकार उपसंचालक डॉ. बीआर सोनी को जांच के लिए नई टीम का गठन करना पड़ा।
यह टीम करेगी जांच
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उपसंचालक डॉ. बीआर सोनी की अध्यक्षता में रजिस्ट्रार नर्सिंग कौंसिल रायपुर पी त्रिवेदी एवं सहायक लेखाधिकारी बदन कुमार ठाकुर को टीम में जांच अधिकारी बनाया गया है। यह टीम 22 मई को जांजगीर आएगी और सात दिवस के भीतर जांच पूर्ण कर राज्य शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।
यह थी बड़ी शिकायत
बताया जा रहा है कि जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर की तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य ने ट्रेनिंग सेंटर में नर्सिंग डे कार्यक्रम के लिए बुके व नास्ता चाय के लिए छात्रों से चंदा वसूली की थी। इसके अलावा कापी किताब खरीदी में भी छात्रों से अवैध तरीके से फीस की वसूली की गई थी। जबकि यह राशि उनके छात्रवृत्ति से अडजस्ट होना था। इसके अलावा सामान खरीदी में भी व्यापक भ्रष्टाचार किया गया था।
आएगी जांच टीम
जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर में गड़बड़ी शिकायत के लिए जांच टीम 22 मई को जांजगीर आएगी और जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। इस आशय का आदेश हाल ही में आया है- डॉ.वी जयप्रकाशए सीएमएचओ