जहा प्लांट के तरफ से विनोद श्रीवास्तव एवं भू-विस्थापित ग्रामो के जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने वाले ग्रामीणों के मध्य द्विपक्षीय वार्ता हुई इसमें प्लांट प्रतिनिधि श्रीवास्तव के द्वारा एक माह का राशि एक हफ्ते के अंदर लाभार्थियों के खाते में जमा करने की बात कही एवं भविष्य में प्लांट के द्वारा समय पर भू विस्थापितों का राशि देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्वीकार करते हुए समय पर देने की बात कही इसके साथ ही साथ
Read more : PM हैं आने वाले इसलिए रातोंरात बदली जा रही सड़कों की तस्वीर, ढूंढ, ढूंढकर की जा रही मरम्मत रामकुमार कैवत्र्य नरियरा एवं गजेंद्र प्रसाद मुरलीडीह के भी व्यक्तिगत समस्या का निपटारा भू विस्थापित प्रतिनिधियों एवं प्लांट प्रतिनिधि के द्वारा किया गया इसके साथ ही साथ भू विस्थापित प्रतिनिधियों के द्वारा प्लांट प्रशासन के समक्ष कुछ और मांगे एवं सुझाव रखा गया.
जिसमें प्रमुख मांग केएसके प्रबंधन के द्वारा प्लांट प्रभावित समस्याओं के लिए अलग-अलग माह में अलग-अलग ग्रामों में जन समस्या निवारण शिविर लगाने एवं योग्यतानुसार स्थानिय युवकों को रोजगार देने व आउटसोर्सिंग बंद करने का मांग प्रमुख रुप से किया गया भू विस्थापित गांव के प्रतिनिधि के रूप में ग्राम. तरोद से द्वारिका दास वैष्णव, सुफल यादव, गुहाराम साहू, पकरिया से जयनंदन कैवत्र्य, हीरादास महंत, सहेत्तर नेताम, संतोष कुमार, नावापारा से कुंवर सिंह, कवल सिंह एवं आनंद दास लीला दास, नरियरा से बुधेस्वर सिंह, सनत साहू, नारायण शर्मा,
संजय सिंह, गेंदराम केवट, अविनाश सिंह, दिलहरण राठौर, वेद प्रकाश रात्रे, हरप्रसाद निर्मलकर, चंद्रसेन बरेठ, रविन्द्र कुमार महिपाल, सुरेंद्र साहू, दुष्यंत कैवर्त, सचिन पाटले, अशोक निर्मलकर, गजानंद पटेल, ग्राम मुरलीडीह से रघुवीर सोनवानी, प्रजा जोगी, परमेश्वर यादव, ग्राम रोगदा से फूलसिंह कैवत्र्य, गुहाराम कैवत्र्य, भरत लाल जगत, चंद्रिका बाई, सविता बाई, ग्राम लटिया से दूज बाई, विष्णु सिंह, अमोरा रामभरोश एवं अन्य समस्त भू-विस्थापित ग्राम के ग्रामीणों की उपस्थिति रही थे।