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मनरेगा के नाम पर तालाब गहरीकरण में हो रहा गड़बड़ झाला

सरपंच व सचिव को नहीं कोई परवाह, रोजगार सहायक की चांदी

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मनरेगा के नाम पर तालाब गहरीकरण में हो रहा गड़बड़ झाला

मनरेगा के नाम पर तालाब गहरीकरण में हो रहा गड़बड़ झाला

पामगढ़. जनपद पंचायत पामगढ़ के अंतर्गत ग्राम पंचायत मुड़पार (ब) में तालाब गहरीकरण के लिए जनपद पंचायत ने 9.88 लाख रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि से मनरेगा के तहत तालाब का गहरीकरण का कार्य किया जाना था। इसमें गांव के 10 से 15 लोग ही कार्य कर रहे हैं, जबकि मस्टर रोल में 200 से ज्यादा मजदूरों का नाम एंट्री कर रोजगार सहायक और सरपंच के द्वारा राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। इस बारे में जब वहां के रोजगार सहायक कोई भी जवाब देने से बच रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि मनरेगा के तहत मुड़पार (ब) तालाब गहरीकरण कार्य में गड़बड़ी की जा रही है।
इसकी सच्चाई जानने के लिए पत्रिका की टीम ने खुद वहां के ग्रामीणों से बात की। जिसमें पता चला कि सुबह 9 बजे तालाब में गहरीकरण का कार्य चलता है उसके बाद सभी मजदूर अपने घर चले जाते हैं। शाम के समय कोई मजदूर नहीं जाता है, जबकि मस्टर रोल में उन्हें शाम को भी कार्य करना दिखाया जा रहा है। ऐसा क्यों किया जा रहा है इस बारे में अधिकारी मौन हैं। ग्रामीणों ने बताया कि तालाब में मात्र 10-15 लोग ही कार्य कर रहे हैं, जबकि मस्टर रोल में 200 से अधिक ग्रामीणों का नाम एंट्री दिखाया जा रहा है

बिना सचिव के किया 40 हजार का आहरण
ग्रामीणों ने बताया कि सचिव चितरंजन सुल्तानिया को जब सस्पेंड किया गया तो नए सचिव के ज्वाइन न करने केे पहले ही सरपंच चमारिन भाई पोर्ते ने मिली भगत कर उप सरपंच के बेटे के नाम पर 40 हजार रुपए का आहरण किया है। उसे मनरेगा में जॉब कार्ड धारक भी बनाया गया है।
-मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। जाकर पता करूंगा कि कितना गहरीकरण का कार्य हुआ और कितने नरेगा मजदूरों ने कार्य किया। इसके बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
खोलबहरा दिनकर, सचिव, ग्राम पंचायत मुड़पार
-इसके बारे में पता नहीं है। इसकी तत्काल जांच करवाकर कार्यवाही की जाएगी।
-रिशा ठाकुर, सीईओ जनपद पंचायत पामगढ़