
हैंडओवर के पहले ही हाउसिंग बोर्ड के मकान में मॉडिफिकेशन का खेल, जानकर भी अनजान बने हैं अफसर
जांजगीर-चांपा. हसदेव विहार कालोनी जांजगीर में पिछले दो सालों से हाउसिंग बोर्ड के द्वारा ईडब्ल्यूएस व एचआईजी मिलाकर 45 मकान बनाए गए हैं। मकान अभी हैंडओवर भी नहीं हो पाए हैं और मकान स्वामी उसमें मॉडिफिकेशन का कार्य शुरू कर चुके हैं। जबकि इस तरह का कृत्य नियम के विरूद्ध है। नियम के मुताबिक हाउसिंग बोर्ड के मकान में सुधार व अन्य कार्य हैंडओवर होने के बाद किया जा सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि ऐसे गलत कार्य के प्रति हाउसिंग बोर्ड के अफसर आंखें मूंद लिए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि नियम के विरूद्ध जो कार्य हो रहा है वे रसूखदार हैं। यही वजह है कि ऐसे लोगों के प्रति कार्रवाई के लिए अफसर भी हाथ नहीं डाल रहे हैं। इसके चलते उन लोगों में रोष व्याप्त है जो भविष्य में कालोनी में निवास करने वाले हैं।
हाउसिंग बोर्ड के हर काम में अफसरों द्वारा भर्राशाही का खेल चल रहा है। चाहे मकान अलॉट करने में हो या मकान निर्माण में। हर काम में भ्रष्टाचार यहां के अफसरों की फितरत में सुमार हो चुका है। बीते दिवस करोड़ो के बेसकीमती जमीन के कौड़ी के मोल आवंटन करने का मामला सामने आया था। जिसमें हाउसिंग बोर्ड के अफसरों द्वारा एक ठेकेदार के नाम आवंटित किया जा रहा था। इस आशय की खबर पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद राज्य स्तर के अफसरों ने आवंटन को निरस्त कर दिया था। इसके बाद इन दिनों मकान निर्माण में मॉडिफिकेशन का खेल चल रहा है।
हाउसिंग बोर्ड द्वारा बीते डेढ़ साल से हसदेव विहार कालोनी में ईडब्ल्यूएस व एचआईजी मिलाकर 45 मकान बनाए जा रहे हैं। मकान बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन अभी मकान स्वामियों को हैंडओवर नहीं हो पाया है। हैंडओवर होने से पहले मकान मालिकों द्वारा अभी से तोडफ़ोड़कर मनमाफिक बनाया जा रहा है। जबकि यह नियम में कतई नहीं है। विभागीय अफसरों के मुताबिक मकानों में तोडफ़ोड़ या मॉडिफिकेशन तभी किया जा सकता है जब मकान मालिकों को हैंडओवर किया जा चुका हो, लेकिन रसूखदारों के सामने हाउसिंग बोर्ड के अफसर नतमस्तक हो चुके हैं।
अफसर खुद कर रहे खर्च
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों के द्वारा मकान में तोडफ़ोड़ कर अपने हिसाब से नया रूप दिया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि इसके पीछे विभागीय अफसरों की मौन स्वीकृति नहीं है। बाकायदा विभागीय अफसर अपने खर्च पर रसूखदारों के मकान को सवांरने में लगे हैं। उनके मकानों में टाइल्स, खिड़की, दरवाजा, चौखट, कपाट, बाथरूम सहित सारी सुविधाएं नए सिरे से बनाया जा रहा है। वहीं अन्य मकान में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। अन्य मकान हैंडओवर हुए बिना ही खंडहर में तब्दील हो रहा है। जिसके लिए विभागीय अफसर आंख मूंदे बैठे हैं।
-हाउसिंग बोर्ड के मकान में हैंडओवर से पहले छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता। यदि ऐसा है तो मामले की जांच कराएंगे और कार्रवाई की जाएगी- एसपी सिंह, एसडीओए, हाउसिंग बोर्ड
Published on:
09 Oct 2018 06:39 pm
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