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चंगोरी गोठान में ४० से अधिक गाय भूख-प्यास से मरी, ग्रामीण पहुंचे तो गायों को नोच रहे थे कुत्ते

चंगोरी गोठान में सप्ताह भर के भीतर ४० मवेशियों ने भूख-प्यास से दम तोड़ दिया है। ग्रामीण पहुंचे तो कई गाय को कुत्ते नोच रहे थे। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी जानकारी सरपंच को नहीं था। फसल खराब न हो कहकर मवेशियों को गोठान में बंद कर दिया गया था। लेकिन चारा, पानी शेड का कोई व्यवस्था नहीं किया गया। इससे मवेशी तड़प-तड़प कर मर गए।

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चंगोरी गोठान में ४० से अधिक गाय भूख-प्यास से मरी, ग्रामीण पहुंचे तो गायों को नोच रहे थे कुत्ते

mrit gay

अकलतरा विकासखंड के गांव चंगोरी में गोठान संचालित है। जो सिर्फ नाम का ही गोठान है। योजना के नाम पर यहां महज खानापूर्ति की गई है। यहां गौवंश के लिए ना चारा है, ना पानी है और ना ही बिजली व शेड की व्यवस्था है। फिर भी गोठान में बड़ी संख्या में मवेशियों लाकर को डाला जा रहा है। तेज धूप हो या झमाझम वर्षा हो या कड़कड़ाती ठंड मवेशियों को खुले में बंधक बनाकर रखा जाता है। चारा के नाम पर एक तिनका भी गोठान में नहीं हैं और न ही मवेशियों को बाहर चराने के लिए चरवाहे की व्यवस्था है। मवेशियों को पीने के लिए पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। गोठान में अभी बड़ी संख्या में मवेशी वर्तमान में इसलिए रखे गए थे ताकी फसल को खराब न करें। लेकिन चारा, पानी नहीं मिलने से भूख में प्यास में गोठान अंदर की ४० गायों की मौत हो गई। ४० गायो की एक ही दिन मौत नहीं हुई, सप्ताह भर से मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी है। इसके बावजूद गांव के मुखिया या किसी को कोई इसकी जानकारी ही नहीं था या किसी ने जानकर भी गायों को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। कई मृत मवेशियों को छुपाने के लिए गोठान के नाला में फेंक दिया गया है। ज्यादा संख्या में मृत होने की वजह से छुपाना संभव नहीं हो सका। जिससे आसपास के लोगों का बदबू से बुरा हाल है। ग्रामीण जब रविवार को पहुंचे तो गोठान की स्थिति को देखकर दंग रह गए। इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी अब तक कोई भी जिम्मेदार गोठान की ओर झांकने तक नहीं पहुंचा है।
न चौकीदार और न ही गोठान समिति
गोठान की अब क्या स्थिति है इसका अंदाजा इस बात लगाया जा सकता है कि चंगोरी गोठान में वर्तमान में गोठान समिति व एक भी चौकीदार नहीं है। गोठान समिति भंग हो चुकी है तो चौकीदार लगातार गायों की मौत होने के कारण नौकरी छोड़ चुका है। अब गोठान केवल भगवान भरोसे चल रहा है।
सत्ता परिवर्तन के बाद गोठान का हाल-बेहाल
कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी गोठान योजना सत्ता परिवर्तन के बाद बदहाली का मंजर दिखना शुरू हो गया। सत्ता परिवर्तन के बाद आगे गोठान का क्या होगा, यह हर कोई के जुबान पर है। लेकिन इसकी स्थिति अब दिखना शुरू हो गया। चंगोरी गोठान में सप्ताह भर से एक-एक करके ४० गायों की मौत हो गई। सबसे बड़ी बात यह है कि किसी को इसकी जानकारी नहीं है। माने अब भूपेश सरकार के महत्वाकांक्षी योजना को भाजपा सरकार धीरे-धीरे दरकिनार में कहीं तो नहीं लगे हैं। यह ४० मवेशियों की मौत के जिलेवासियों के जुबान में चर्चा का विषय रही।
वर्जन
इसकी जानकारी आपसे मिल रही है। गोठान देखने ही जा रहा था। दस दिन पहले ही गायों को गोठान से छोड़ दिया था।
निर्मल पटेल सरपंच, चंगोरी
वर्जन
आप लोगों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है। मामले की जांच कराई जाएगी।
विक्रांत अंचल, एसडीएम