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अस्पताल तो खोल ली पर भवन निर्माण के लिए बजट नहीं, तीन दर्जन अस्पताल जुगाड़ के भवन में हो रहा संचालित

कहीं सामुदायिक भवन में कब्जा कर अस्पताल बनाया गया है, तो कहीं कई गांवों में स्कूल भवन या अन्य विभाग के भवन में कब्जा कर अस्पताल बनाया गया है।

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अस्पताल तो खोल ली पर भवन निर्माण के लिए बजट नहीं, तीन दर्जन अस्पताल जुगाड़ के भवन में हो रहा संचालित

जांजगीर-चांपा. जिले के तीन दर्जन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उप स्वास्थ्य केंद्र जुगाड़ के भवन में संचालित हो रहा है। नए भवन निर्माण के लिए सरकार ने स्वीकृति दे दी है, लेकिन सरकार के पास भवन निर्माण के लिए बजट नहीं है। इसके कारण कई भवन निर्माण आधे-अधूरे पड़े हैं तो कई भवन निर्माण का कार्य शुरू ही नहीं हो पाया है। ऐसे में वर्तमान में जो अस्पताल संचालित हो रहा है उनमें जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है, वहीं कई अस्पताल ऐसे जो तंग कमरे में संचालित हो रहा है।

जिले में सवा तीन सौ से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र है। इन स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सरकार ने एक दसक बाद भी भवन की व्यवस्था नहीं कर पाई। सरकार ने बजट स्वीकृत कर दिया है, लेकिन बजट के लिए राशि स्वीकृत नहीं कर पाई है। इसके कारण भवन निर्माण का कार्य अधर में लटका है। कई भवन बन भी गए, लेकिन उनमें कई खामियों के कारण भवन का लोकार्पण नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि अस्पताल जुगाड़ के भवन में संचालित हो रहा है।

जानकारी के अनुसार कई अस्पताल ऐसे हैं जिनमें कई तरह के विवाद भी सामने आया है। इसके कारण भवन का लोकार्पण नहीं हो पाया है। सीएचएमओ आफिस से मिली जानकारी के अनुसार जिले में तकरीबन तीन दर्जन अस्पताल ऐसे हैं, जहां जुगाड़ के भवन में अस्पताल संचालित हो रहा है। कहीं सामुदायिक भवन में कब्जा कर अस्पताल बनाया गया है, तो वहीं कई गांवों में स्कूल भवन या अन्य विभाग के भवन में कब्जा कर अस्पताल बनाया गया है। जिले में ऐसे एक दर्जन स्थान ऐसे हैं जहां भवन निर्माण कराना है, लेकिन इसके लिए शासकीय भूमि नहीं मिल पा रही है। इसके चलते गांव में अस्पताल का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

इस तरह होती है दिक्कत
अस्पताल के भवन का अपना अलग इंफ्रास्ट्रक्चर होता है। अस्पताल में दवा रखने की जगहए डॉक्टर, नर्सेस व मरीजों के लिए अलग-अलग रूम की व्यवस्था होती है, लेकिन जुगाड़ के भवन ये सब सारी सुविधा नहीं होती। इसके कारण अस्पताल के संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यूरीनल, मरीजों के ठहरने की सुविधा सहित अन्य संसाधन नहीं होने से जिम्मेदारों को कई तरह की परेशानी होती है। यही वजह है कि परमानेंट सर्वसुविधायुक्त अस्पताल की जरूरत महसूस होती है।

यह है कि तकनीकी खामियां
शासन ने भवन निर्माण के लिए वर्ष 2004-05 में जो राशि स्वीकृत की थी उस हिसाब से अब महंगाई दो गुना बढ़ गया है। पहले भवन निर्माण के लिए तकरीबन पांच से सात लाख स्वीकृत किया था। अब वही भवन की लागत 15 से 20 लाख रुपए जा पहुंची है। ऐसे में पुराने दर पर भवन बनाना मुश्किलों भरा है। कलेक्टर व सीएचएचओ इस संबंध में आए दिन शासन से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन शासन स्तर से कोई पहल नहीं हो पा रहा।

शासन स्तर का मामला
जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र जुगाड़ के भवन में संचालित हो रहे हैं। इसके लिए बजट का अभाव बताया जा रहा है। यह शासन स्तर की बात है- वी जयप्रकाश, सीएमएचओ