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पत्रिका टॉक शो : शहर के नैला रेलवे साइडिंग में कोलवाशरी खुलने से लोग परेशान

नैला चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने पत्रिका टॉक शो में अपने पदाधिकारियों के साथ पत्रिका टॉक शो में शामिल हुए। चेंबर के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया नैला रेलवे स्टेशन के पास पहले रैक पॉइंट था जो पिछले 10-12 सालों से बंद था।

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पत्रिका टॉक शो : शहर के नैला रेलवे साइडिंग में कोलवाशरी खुलने से लोग परेशान

पत्रिका टॉक शो : शहर के नैला रेलवे साइडिंग में कोलवाशरी खुलने से लोग परेशान

उसे चैंबर ने अपना प्रयासों से शुरू कराया। जो कि अब वर्तमान में चल रहा है परंतु बगल में ही एक साथ कोयले का भी रैक पॉइंट एवं कोलवाशरी संचालित है। जिससे रैक पॉइंट में आने वाले खाद्य सामग्री खाद आदि खराब होने की पूरी संभावना होती है। दोनों रैक पॉइंट की दूरी बढ़ा देने से और रैक पॉइंट से बनारी की ओर बाईपास सड़क मार्ग शुरू कर देने से रैक पॉइंट से व्यापारी अपना काम सुचारू रूप से कर सकते हैं। राइस मिल, खाद विक्रेता, गल्ला किराना आदि के थोक व्यापारियों का काम बढऩे की पूरी संभावना है। यह काम पहले नैला क्षेत्र में बखूबी बहुत जोरों से हुआ करता था और यहां का व्यापार अविभाजित मध्य प्रदेश से भी बाहर देश के बाकी राज्यों में किया जाता था। उसे दोबारा पटरी में लाने कोशिश की जाए। जिससे कि सुचारू रूप से पूरे जिले का उद्योग एवं व्यापार बढ़े। उन्होंने बताया कि नियमानुसार 10 लाख तक का मुद्रा लोन बिना किसी दस्तावेज के दिया जाता है एवं उद्योगों को 5 करोड़ के लोन का भी प्रावधान वर्तमान सरकार ने किया है, लेकिन जांजगीर-चांपा जिले में इसकी कोई विस्तृत कार्य योजना नहीं है और यह हो नहीं हो पाता इसके लिए संबंधित बैंक के मुख्य बैंक द्वारा कोई कैंप लगाई जाए एवं जब भी कोई बैंक द्वारा कोई कैंप या कोई कार्यशाला लगाई जाती हो तब इसमें चेंबर ऑफ कॉमर्स को भी सहयोगी संस्था के रूप में रखा जाए।


थोक व्यापार कारीडोर की स्थापना की ओर बढ़ता कदम


आने वाले दिनों में जांजगीर-चांपा जिले में भी थोक व्यापार कारीडोर की स्थापना होनी है। हमें लगभग 100 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इसके लिए भी संबंधित अधिकारियों को जमीन आबंटित कराने के लिए निवेदन किया गया है। नैला स्टेशन को ड्राई पोर्ट के रूप में विकसित किया जाए। चुंकि नैला जांजगीर शहर पूर्व में 50-60 वर्षों से ही थोक व्यापार का मुख्य केंद्र रहा है। यहां से पूरे देश में कपड़े और अनाज का काम किया जाता था, पहले भी अर्ध विकसित ड्राई पोर्ट की तरह यहां से व्यापार नैला रेल्वे स्टेशन माल गोदाम एवं अन्य ट्रांसपोर्टरों के माध्यम से किया जाता था। आज भी यहां 200 से ज्यादा क्रशर एवं 200 से ज्यादा राइस मील 200 से ज्यादा कोसा, कंचन, कांसा के निर्माण का केंद्र है एवं जांजगीर चांपा जिला धान की खेती में पूरे प्रदेश में आज भी अव्वल है। फल एवं सब्जियों के लिए भी अविभाजित जांजगीर चांपा जिला जाना जाता है। शिवरीनारायण क्षेत्र के खरबूज एवं तरबूजों की सप्लाई भारत की नहीं अपितु पूरे विश्व के कई देशों में की जाती है। इन सब के अलावा भी बहुत सी वस्तुओं की सप्लाई जांजगीर चांपा जिले से देश-विदेश में की जाती है। ड्राई पोर्ट खुल जाने से यहां के गांवों एवं शहरों से एवं व्यापारिक केंद्रों से सीधे जोडऩे से यहां के व्यापार बढ़ाने की अपार संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।


ट्रैफिक दबाव से भी मिले मुक्ति


जांजगीर नैला अब जिला मुख्यालय है। जिससे आवागमन बढऩे की वजह से ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। जिससे कि शहर में आए दिन दुर्घटना होती रहती है। इसके समाधान के लिए बाईपास रोड एवं रिंग रोड की आवश्यकता है और यदि ध्यान दिया जाए तो रिंग रोड जैसी सड़कें पहले से मौजूद है। जिसे की आपस में जोडऩे और चौड़ीकरण की आवश्यकता है। क्योंकि जांजगीर छत्तीसगढ़ के केंद्र मे स्थित है और यह जिला मुख्यालय है और पहले से ही यहां पर थोक विक्रेता की भरमार है । कोल साइडिंग के लिए शहर से बाहर ही बाहर सड़क मार्ग के लिए हमने जिला अधिकारी एवं राज्य सरकार को कई बार निवेदन किया है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। कार्यक्रम में चेंबर के उपाध्यक्ष प्रमोद सिंघानिया, सहसचिव सुनील शर्मा मौजूद रहे।