पितृपक्ष: प्रॉपर्टी बाजार में छाई मंदी, रजिस्ट्री दफ्तरों में सन्नाटा
मान्यता अनुसार पितृपक्ष के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता। इसका असर प्रॉपर्टी बाजार में नजर आ रहा है। पंजीयन दफ्तरों में जहां आमतौर पर सुबह से देर शाम तक भीड़ लगी रहती है वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। दिनभर में ले-देकर इक्का-दुक्का ही जमीन रजिस्ट्री हो रही है। इसका सीधा असर विभाग की आय पर पड़ रहा है। हालांकि सामने नवरात्रि और दीवाली पर्व है। जिसमें प्रॉपर्टी बाजार में उछाल आने की उम्मीद जताई जा रही है।


पितृपक्ष: प्रॉपर्टी बाजार में छाई मंदी, रजिस्ट्री दफ्तरों में सन्नाटा
जांजगीर-चांपा. शहर के बिल्डरों के मुताबिक अभी से लोग घर-प्लॉट तो देखने आ रहे हैं और बुकिंग भी करा रहे हैं पर ज्यादातर लोग रजिस्ट्री पितृपक्ष निकल जाने के बाद नवरात्रि और दशहरा पर्व के दौरान ही कराने की बात कह रहे हैं। इधर प्रॉपर्टी बाजार में सुस्ती और रजिस्ट्री दफ्तरों में जमीन रजिस्ट्री कम होने से असर विभाग के लक्ष्य पर पड़ रहा है। वैसे भी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में विभाग २ करोड़ ६३ लाख रुपए के राजस्व घाटे में चल रहा है।
इस वर्ष 2.63 करोड़ की कम हुई आय….
उप पंजीयक कार्यालय जांजगीर-चांपा के मुताबिक, जांजगीर-चांपा और सक्ती जिला मिलाकर विभाग को चालू वित्तीय वर्ष में कुल १०० करोड़ रुपए का लक्ष्य मिला है। जिसमें आधा वित्तीय वर्ष बीत चुका है और इस अवधि (अप्रैल से सितंबर २३ तक) में ३८ करोड़ ३१ लाख ६३९०७ रुपए की आय हुई है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष इसी अवधि में ४० करोड़ ९५ लाख १७६४३ रुपए की आय हुई थी। इस तरह विभाग को २ करोड़ ६३ लाख रुपए की आय कम हुई है। छह माह में नियमानुसार ५० प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो जाना था जो ४० प्रतिशत ही हुआ है। अब शेष बचे छह माह में ६० फीसदी खरीदी-बिक्री होने पर ही लक्ष्य की पूर्ति होगी।
जांजगीर, चांपा और सक्ती में ज्यादा हुई खरीदी
हालांकि गत वर्ष और चालू वित्तीय वर्ष के आंकड़े देखे तो भले ही विभाग २ करोड़ ६३ लाख रुपए पीछे चल रहा है मगर जांजगीर, चांपा, सक्ती और डभरा में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल ज्यादा जमीन रजिस्ट्री हुई है। सक्ती में १३२, जांजगीर में १२३, चांपा में ४९ और डभरा पंजीयन दफ्तर में ७५ रजिस्ट्री ज्यादा हुई हैं। बाकी पामगढ़, मालखरौदा, जैजैपुर, नवागढ़, अकलतरा पिछले साल की तुलना में पीछे चल रहे हैं।
विभाग को 100 करोड़ का वार्षिक लक्ष्य मिला है। अप्रैल से सितंबर तक की स्थिति में आय का ४० फीसदी लक्ष्य हासिल कर चुके हैं। हालांकि यह पिछले वर्ष की तुलना में साढ़े ६ फीसदी कम है। पितृपक्ष के दौरान आमतौर पर कम ही रजिस्ट्री होती है। आगे फेस्टिवल सीजन है जिसमें काफी हद तक लक्ष्य पूर्ति होने की उम्मीद है।
चित्रसेन पटेल, उप पंजीयक जांजगीर-चांपा
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