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नदी-नाले-तालाब को कर रहे प्रदूषित, क्योंकि महुआ पास बनाने के लिए यही सेफ जोन

जांजगीर चांपा व सक्ती जिला महुआ शराब बनाने का हब बनते जा रहा है। यह हम नहीं पुलिस व आबकारी विभाग के कार्रवाई के आंकड़े बयां कर रहा है। खासकर नवागढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम रोगदा में जहरीली शराब से सेना के जवान समेत तीन की मौत के बाद पुलिस व आबकारी हर रोज एक दर्जन प्रकरण केवल आबकारी के बना रहे हैं।

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नदी-नाले-तालाब को कर रहे प्रदूषित, क्योंकि महुआ पास बनाने के लिए यही सेफ जोन

jab shrab

बड़ी बात यह है कि तस्कर महुआ शराब बनाने के लिए नदी नाले तालाब को सेफ जोन बना रहे हैं। महुआ को बोरी में भरकर नदी नाले तालाब में २४ घंटे के लिए रख देते हैं फिर जब यह पास पूरी तरह से भीग जाता है तो फिर इसे भट्ठी में चढ़ाकर महुआ शराब बनाते हैं। नदी नालों में ऐसे काला कारोबार के चलते लोग जल जनित रोग के शिकार हो रहे हैं। क्योंकि महुआ पास में तस्कर सोहागा, यूरिया जैसे कई तरह के केमिकल का भी इस्तेमाल करते हैं। जिसके चलते महुआ बहुत जल्द सड़ता है और शराब बनाने में काम आता है। ऐसे केमिकल शरीर के हानिकारक है। ऐसे कारोबारी के सामने पुलिस व आबकारी लगातार संयुक्त अभियान चला रही है और हर रोज दर्जन प्रकरण भी बना रहे हैं लेकिन इनका कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोग लाखों का शराब बनाकर बिक्री करते पकड़े जाते हैं। पुलिस इन्हें पकड़ भी लेती है तो दो चार दिन जेल में रहते हैं। इन्हें ५ से १० हजार का नुकसान होता है फिर जेल से छूटने के बाद वहीं कारोबार में लग जाते हैं। क्योंकि इनका लाखों में कारोबार होता है।
जाने किसने कितने प्रकरण बनाए
आबकारी टीम ने बीते वित्तीय वर्ष में लगभग २२ से अधिक प्रकरण आबकारी अधिनियम के बनाए जो प्रदेश में सबसे टॉप पर है। बड़ी बात यह है कि आबकारी ने ऐसे लोगों को नदी नाले तालाब के किनारे ही महुआ शराब बनाने पकड़ा है। इसी तरह पुलिस ने भी मौजूदा वित्तीय वर्ष में आबकारी के १२०० से अधिक प्रकरण बना चुके, जिसमें पाया कि ९० फीसदी तस्कर नदी नाले तालाब को ही सेफ जोन मानकर इन्हीं स्थानों में महुआ पास को भिगोकर शराब बनाते पकड़ा है।
इन नदी नालों पर सबसे अधिक कारोबार
जिले में महानदी, हसदेव नदी, सोन नदी जैसी बड़ी नदियां है। जहां इस तरह का काला कारोबार हो रहा है। इसी तरह ग्रामीण अंचलों में घुंडी नाला, जमड़ी नाला सहित दो दर्जन से अधिक नाला है। वहीं हर गांव में एक एक दर्जन तालाबें हैं जहां महुआ शराब तस्कर ऐसे स्थानों में महुआ पास भिगोने का काम करते हैं। आबकारी व पुलिस जब छापेमारी करती है तो नदी नाला व तालाब के इर्द गिर्द ही तस्कर पकड़े जाते हैं या फिर भाग जाते हैं।
एक्सपर्ट व्यू
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल जगत ने बताया कि नदी नाले व तालाब में महुआ पास भिगोने से पानी दूषित हो जाता है। खासकर तब और ज्यादा दूषित होता है जब तस्कर महुआ जल्दी सड़ाने के लिए सोहागा व यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। इससे पानी और दूषित हो जाता है। नदी नाले तालाब में लोग निस्कारी करते हैं और जिसके कारण इस तरह के केमिकल शरीर को कई तरह से चर्म रोग उत्पन्न करता है। लोगों को इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा या फिर नदी नाले तालाब में स्नान करने से परहेज करना होगा।
वर्जन
जिले में अवैध शराब के प्रकरण लगातार बढ़ रहे हैं। वर्ष २०२२-२३ में तकरीबन २३०० प्रकरण बनाए हैं जो प्रदेश में सबसे टॉप पर है। लोग नदी नाले तालाब में महुआ को भिगोने के लिए सेफ जोन मानते हैं। अधिकतर प्रकरण नदी नाले तालाब के इर्द गिर्द ही बनते हैं। इस पर आबकारी टीम मुस्तैदी से काम कर रही है।
-दिनकर वासनिक, सहायक आयुक्त आबकारी
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