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क्वारेंटाइन सेंटर में रह रही गर्भवती महिला की रात में अचानक बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत, मचा हड़कंप

Quarantine Center: सात माह से गर्भवती थी महिला , पेट में ही बच्चे के मौत के बाद फैला शरीर में पाइजन, परिजनों ने लगाया डॉक्टरों पर लेटलतीफी से महिला की मौत का आरोप

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क्वारेंटाइन सेंटर में रह रही गर्भवती महिला की रात में अचानक बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत, मचा हड़कंप

क्वारेंटाइन सेंटर में रह रही गर्भवती महिला की रात में अचानक बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत, मचा हड़कंप

जांजगीर-चांपा. लोहर्सी के क्वारंटाइन सेंटर (Loharsi Quarantine Center) में रह रही एक गर्भवती महिला की इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। सात माह से महिला गर्भवती थी। पेट में ही बच्चे की मौत के बाद महिला के शरीर में पाइजन फैलने से मौत होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा महिला के शरीर में खून की भी कमी थी। परिजनों ने डॉक्टरों पर लेटलतीफी व लापरवाही के कारण मौत होने का आरोप लगा रही है।

जिले के पामगढ़ थाना क्षेत्र के गांव लोहर्सी निवासी लक्ष्मीन बाई साहू अपने पति के साथ कमाने खाने जम्मू-कश्मीर गई थी। वहां से लौटने के बाद महिला व उसके पति को हथनेवरा के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। जहां दोनों पति-पत्नी रह रहे थे। गुरुवार की रात अचानक महिला को प्रसव पीड़ा हुआ।

इस इस दौरान जिला अस्पताल को सूचना दी गई। जिला अस्पताल द्वारा 108 को भेजकर महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान पता चला पेट में पल रहे सात माह के बच्चे की भी मौत हो गई। इसके बाद मां को बचाने का प्रयास किया जा रहा था। इसी दौरान रात लगभग 12 बजे महिला लक्ष्मीन साहू ने भी दम तोड़ दी।
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इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लेटलतीफी का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। गर्भवती महिला के पति का कहना है कि डॉक्टरों व नर्स को बुलाने के बाद भी नहीं आ रहे थे। इसी कारण महिला की मौत हुई है। जबकि इधर डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद महिला के शरीर में पाइजन फैल गई थी। इसके अलावा महिला के शरीर में खून की भी कमी थी। इसी कारण महिला की मौत हुई है। इधर क्वारंटाइन सेंटर में रह रही गर्भवती महिला की मौत के सूचना के बाद प्रशासन सहित स्वाथ्य विभाग में हड़कंप मच गया। पीएम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।

क्वारंटाइन सेंटर में बरती गई लापरवाही
गर्भवती महिला कमाने खाने के लिए जम्मू काश्मीर गई हुई थी। महिला अपने पति के साथ स्पेशल ट्रेन से पांच दिन पहले ही लौटी थी। परंतु महिला की तबीयत खराब होने के कारण उसे क्वारंटाइन सेंटर में रखने की बजाय अस्पताल में रखना था। क्वारंटाइन सेंटर में गर्भवती महिला को प्रतिदिन देखभाल करना है, लेकिन वहां देखभाल नहीं होने की वजह से महिला पेट में पल रहे सात माह के बच्चे की मौत हो गई, जो महिला के लिए भी काल बन गई। अगर क्वारंटाइन सेंटर में देखभाल होता तो आज महिला व उसके बच्चे की मौत नहीं होती।

तीन साल की बेटी के सिर से मां का साया उठा
मृतिका लक्ष्मीन बाई की तीन साल की एक बेटी भी है। जिसके सिर से मां का साया हमेशा के लिए उठ गया। शव के पास महिला के पति व उसकी बेटी व उसकी सास का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था।

-सूचना मिलने पर तत्काल 108 भेजकर गर्भवती महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पता चला कि बच्चा पेट में ही मर चुका था। इससे महिला के शरीर में पाइजन फैलने के कारण उसकी मौत हो गई। डॉ.बीपी कुर्रे, सीएस, जिला अस्पताल