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CG Public Opinion : मरम्मत के नाम पर हर साल आता है फंड, बावजूद ब्लॉक कालोनी की ऐसी दशा देखकर आप हो जाएंगे हैरान, पढि़ए खबर…

- कॉलोनी के मेंटेनेंस के नाम पर जवाबदार अफसरों द्वारा लाखों का कर दिया जाता है वारान्यारा

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मरम्मत के नाम पर हर साल आता है फंड, बावजूद ब्लॉक कालोनी की ऐसी दशा देखकर आप हो जाएंगे हैरान, पढि़ए खबर...

मरम्मत के नाम पर हर साल आता है फंड, बावजूद बदहाली पर रो रहा ब्लॉक कालोनी

जांजगीर-चांपा. शासकीय विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों के लिए बीटीआई के पास स्थित ब्लॉक कॉलोनी की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। आने वाले दिनों में बरसात शुरू होने वाली है लेकिन कॉलोनीवासियों की मानें तो जवाबदार अफसर बदहाल कॉलोनी की स्थिति को लेकर गंभीर नहीं है।

कॉलोनीवासियों का कहना है कि बारिश होती है तो छप्पर से पानी नीचे टिपकता है। ऐसे में रहना लोगों की मजबूरी है। बारिश के पूर्व अगर कॉलोनी की मरम्मत नहीं कराई जाती है तो कॉलोनी की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है। ब्लॉक कॉलोनी में छोटे तबके के कर्मचारियों के अलावा बड़े अधिकारी भी निवास करते हैं। कॉलोनी की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। इसके बाद भी कॉलोनी के मेंटेनेंस के नाम पर जवाबदार अफसरों द्वारा लाखों का वारान्यारा कर दिया जाता है। वहीं कॉलोनी की बदहाली इन अफसरों के कार्यशैली को लेकर कई तरह से सवाल दाग रहे हैं।

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कॉलोनीवासियों का कहना है कि कॉलोनी में न ही सड़क की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाता है और न ही यहां मूलभूत सुविधा को लेकर कवायद की जा रही है। इससे लोगों को असुविधाओं के बीच गुजर करना पड़ रहा है। आलम यह है कि कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी के लिए विभाग द्वारा नाली की व्यवस्था पर भी ध्यान नहीं दिया गया है। इससे कॉलोनीवासी गंदे पानी की निकासी के लिए नाली निर्माण होने की बांट जोह रहे है। ऐसे में कॉलोनी में निवासरत लोगों में आक्रोश पनप रहा है।

कॉलोनी की बदहाली को लेकर जवाबदार नुमांइदों के द्वारा पहल नहीं करने पर कॉलोनी में बने भवन खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। लोगों की मानें तो कॉलोनी के मेंटेनेंस को लेकर हर साल फंड आता है, लेकिन बरसात के पूर्व कॉलोनी की दुर्दशा को सुधारने अफसरों ने मेंटेनेंस के नाम पर औपचारिकता पूरी करना भी मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में इन जवाबदारों द्वारा कॉलोनी के लिए पहल करने की सोचना बेमानी साबित होगी।

मरम्मत नहीं होने से बिगड़ रही दशा
कॉलोनी में खाली पड़े ऐसे कई भवन है जिसे रहने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है पर विभाग द्वारा भवन एलार्ट करने में कोताही बरतने से उपयोगी भवनों की दशा बिगड़ते जा रही है। खाली पड़े भवनों को अफसरों द्वारा एलार्ट नहीं किया जा रहा है। इससे जहां अधिकारी-कर्मचारी मकान को लेकर भटक रहे हैं तो वहीं खाली पड़े भवन असमय खंडहर होते जा रहे है।