सड़क की दशा को देखकर सड़क का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है। इस ओर न तो रेलवे प्रशासन और न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है। आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं घटित हो रही है। ऐसे में यात्रा करने वाले यात्रियों को आवाजाही में परेशानियों का सामन करना पड़ रहा है। जांजगीर-चांपा जिला की सबसे घटिया सड़क नैला रेलवे स्टेशन से फाटक तक की है। रेलवे स्टेशन से महज एक किलो मीटर की दूरी तय करने में लोगों 15 से 20 मीनट का समय लग रहा है।
जांजगीर-चांपा जिला और रेलवे प्रशासन का मॉडल स्टेशन होने के बाद भी सड़क की दशा में सुधार नहीं कर पा रहे हैं। नागरिकों की मांग के बाद भी रोड की सुध नहीं ली जा रही है। रोड की जर्जर हालत से घरों में साफ-सफाई की समस्या गंभीर हो चली तो दुकानों से ग्राहकों ने दूरी बना ली है। यह रोड सरखों, पहरिया होते हुए बलौदा, कोरबा निकलती है। वहीं कन्हाईबंद, सिवनी, जर्वे, बलौदा होते हुए अन्य कस्बों को भी जोड़ता है। प्रतिदिन हजारों वाहनों और लोगों की आवाजाही के बावजूद रोड की स्थिति बद से बदतर हो गई है।