
आखिर क्यों इस कार में बैठने से घबरा रहे लोग, वजह जानकर आप भी बना लेंगे दूरी, पढि़ए खबर...
जांजगीर-चांपा. जांजगीर स्थित सब्जी मंडी के पास शनिवार की दोपहर एक बजे एक शख्स की कार में करैत घुस गया। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। कार के इंजिन के पास घुसे करैत को निकालने के लिए लोग लाख कोशिश किए, लेकिन वह नहीं निकला। घंटों मशक्कत के बाद भी कार के इंजिन में घुसा करैत जब नहीं निकला तो कार चालक जोखिम उठाते हुए निकल पड़ा। उसके हौसले को देखकर आसपास के लोग दंग रह गए।
दरअसल शनिवार को एक स्कूटी सवार युवक सब्जी लेने सब्जी मंडी के पास पहुंचा था। सब्जी लेने के बाद वह जब स्कूटी स्टार्ट कर रहा था तभी उसकी स्कूटी से एक करैत सांप निकला। जिसे देखकर वह सन्न रह गया और स्कूटी को पटक कर भाग गया। स्कूटी से निकला सर्प पास खड़ी कार के अंदर घुस गया और इंजन के भीतर छिप गया। यह देखकर कार चालक के होश उड़ गए। सर्प को बाहर निकालने के लिए आसपास के लोग जद्दोजहद करने लगे। आसपास के लोग सर्प को निकालने के कार का बोनट खोलकर पानी डाले, कीटनाशक (फोरएट) दवा का छिड़काव किया तो कोई कार का इंजिन स्टार्ट कर एक्सीलेटर ले रहा था।
एक घंटे तक मशक्कत करने के बाद भी जब सर्प बाहर नहीं निकला तो कार चालक परेशान हो गया। काफी देर तक वह सर्प के निकलने का इंतजार करता रहा, लेकिन एक घंटे बाद भी जब सर्प कार से बाहर नहीं निकला तब वह रिक्स लेते हुए कार स्टार्ट कर चलते बना। उसके हौसले की लोग प्रशंसा करते रहे थे। वहीं जानकारों का मानना है कि करैत अंदर ही अंदर कार की सीट तक भी घुस सकता है। क्योंकि अंदर आने के लिए कई छेद भी रहते हैं। ऐसे में कार में सवारी करना जोखिम भरा हो सकता है।
खेत में मगरमच्छ देख कर लोगों के उड़ गए होश
वहीं दूसरी ओर क्रोकोडायल पार्क के नाम से अकलतरा विकासखंड अंतर्गत आने वाले कोटमीसोनार गांव में शनिवार सुबह आठ फिट का विशालकाय मगरमच्छ खेत में घूमता दिखा। उसे देखकर ग्रामीण दहशत में आ गए। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से मगरमच्छ को काबू किया।
ग्रामीणों के अनुसार गांव में स्थित कर्रानाला बांध से यह मगरमच्छ निकला है। यह वहां से होते हुए सड़क पर पहुंचा और सकड़ पार करके सीधे झगरहा खार के खेत में जा पहुंचा। खेत में पानी भरे खेत में मगरमच्छ घूम रहा था और अपने शिकार की तलाश में था। इससे पहले कि वह किसी जानवर या इंशान को नुकसान पहुंचाता, सुबह सौच और खेत खलिहान की तरफ निकले ग्रामीणों की नजर में आ गया। पास जाकर जब ग्रामीणों ने उसे देखा तो उनके नीचे से जमीन खिसक गई। यह मगरमच्छ हमेशा की तरह मिलने वाले तीन-चार फिट का नहीं बल्कि आठ फिट का विशालकाय मगरमच्छ था। इस दौरान कुछ ग्रामीण मगरमच्छ से दूरी बनाकर उस पर नजर रखे तो कुछ ने वन अमले को इसकी सूचना दी। वन अमला मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों की सहायता से दो घंटे की कड़ी मसक्कत से उसे रस्सी और बोरे के सहारे से बड़े डंडों में बांधा और उसके बाद उसे क्रोकोडायल पार्क में लाकर छोड़ दिया।
बारिश में मगरमच्छ मिलना आम बात
बारिश के दिनों कोटमीसोनार गांव के खेत व तालाबों में मगरमच्छ मिलना आम बात हो गई है। कई बार तो यह रेलवे ट्रैक तक पहुंच जाते हैं और एक दो की ट्रेन से कटकर मौत भी हो चुकी है।
Published on:
15 Jul 2018 11:53 am
बड़ी खबरें
View Allजांजगीर चंपा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
