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किसानों को समय पर पर्याप्त खाद-बीज देने प्राथमिकता से करा रहे भंडारण

मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में किसान खरीफ की खेती-किसानी में जुट जाएंगे। किसानों को खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर तो हर साल दावे किए जाते हैं लेकिन ऐन समय पर किसानों को इसके लिए भटकना पड़ ही जाता है।

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किसानों  को समय पर पर्याप्त खाद-बीज देने प्राथमिकता से करा रहे भंडारण

किसानों को समय पर पर्याप्त खाद-बीज देने प्राथमिकता से करा रहे भंडारण

जांजगीर-चांपा. कालाबाजारी की शिकायतें आम होती हैं। ऐसे में इस खरीफ सीजन में किसानों को किसी तरह परेशानी न हो और कालाबाजारी पर रोक लगाने विभाग किस तरह तैयारी कर रहा है, इसको लेकर पत्रिका ने उपसंचालक कृषि एमडी मानकर से जानकारी ली। जिसमें उन्होंने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद-बीज की समय पर पर्याप्त उपलब्धता के लिए जिला प्रशासन के दिशा-नेतृत्व में काम कर रहे हैं। पहली प्राथमिकता किसानों को सही समय पर खाद-बीज मिलना को लेकर ही पूरा विभाग काम कर रहा है।
क्यू. आगामी खरीफ सीजन को लेकर कितनी तैयारी हो चुकी है
आ. जिले में ५१ हजार मेट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य है। इसके विरुद्ध २० हजार मेट्रिक टन खाद सोसायटियों में भंडारित हो चुका है। बीज की भी पर्याप्त उपलब्धता है।
क्यू. हर साल किसानों को ऐन वक्त पर खाद की किल्लत होती है क्यों?
आ. समय से पूर्व ही खाद-बीज के भंडारण प्राथमिकता से कराया जा रहा है। किसान अभी से उठाव करना शुरु कर देंगे तो किसानों को समय पर खाद-बीज भी मिल जाएगी और गोदाम खाली होने से और भंडारण भी कर लेंगे। अभी हर दिन रैक भी लग रहा है।
क्यू. खाद की कालाबाजारी पर किस तरह अंकुश लगाएंगे
आ. सभी निजी और सोसायटियों में ई-पॉश मशीनों में एंट्री करने के बाद ही खाद का वितरण करने सख्त निर्देश दिए गए हैं। मैदानी अमलों से भी लगातार मॉनिटरिंग कराया जाएगा। खाद की कालाबाजारी करते पाए जाने पर दुकान को सीधे सील करेंगे।
क्यू. गोठान में तैयार वर्मी कंपोस्ट को किसानों को जबरन बिक्री की शिकायत हैं
आ. ऐसा नहीं है, प्रति एकड़ किसानों को १ क्विंटल वर्मी कंपोस्ट ही दे रहे हैं। गोठानों में तैयार हो रहे वर्मी कंपोस्ट की गुणवत्ता की लैब में जांच कराई जा रही है। सभी सैंपल पास हैं। किसान अब खुद से सामने आकर खरीद रहे हैं।