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पामगढ़ उप पंजीयक कार्यालय में ऐसा भी कारनामा…. विक्रेता पक्ष की महिला की जगह हमनाम की दूसरी महिला खड़ी कर करा दी जमीन रजिस्ट्री

पामगढ़ उप पंजीयक कार्यालय में जमीन रजिस्ट्री में नियमों को ताक पर रखकर की जा रही गड़बडिय़ों की परतें अब परत दर परत खुलती जा रही हैै।

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पामगढ़ उप पंजीयक कार्यालय में ऐसा भी कारनामा.... विक्रेता पक्ष की महिला की जगह हमनाम की दूसरी महिला खड़ी कर करा दी जमीन रजिस्ट्री

पामगढ़ उप पंजीयक कार्यालय में ऐसा भी कारनामा.... विक्रेता पक्ष की महिला की जगह हमनाम की दूसरी महिला खड़ी कर करा दी जमीन रजिस्ट्री

जमीन रजिस्ट्री में गड़बड़ी का ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है, जहां विके्रता पक्ष की महिला की जगह हमनाम की अन्य महिला को खड़ा कर दिया गया और जानकारी होते हुए भी उप पंजीयक ने आंख मूंदकर रजिस्ट्री कर दी। जिसमें पक्षकारों से बड़ी रकम लेन-देन का आरोप भी लग रहा है। मामला पामगढ़ तहसील के ग्राम मेहंदी स्थित भूमि का है जिसकी रजिस्ट्री विगत २७ मार्च २०२३ को पामगढ़ उप पंजीयक कार्यालय में हुई है। इसमें विक्रेता के रूप में बिटावन बेवा उमेंदराम, घनश्याम पटेल पिता उमेंदराम, भोला पटेल पिता उमेंदराम, इंदिरा पटेल पिता उमेंदराम और शिवकुमारी पटेल पिता उमेंदराम शामिल थे। नियमानुसार रजिस्ट्री के दौरान सभी पक्षकारों को मौजूद रहना अनिवार्य रहता है। कार्यालय में ही साफ्टवेयर में फोटो खींचने की प्रक्रिया की जाती है। लेकिन बताते चले कि विक्रेता पक्ष की शिवकुमारी पति जगदीश कमाने-खाने परदेस गई है और लंबे समय से गांव में नहीं है। रजिस्ट्री के दौरान भी वह गांव में नहीं थी। ऐसे में गांव की हमनाम महिला शिवकुमारी पति मोहन पटेल को खड़े कराकर रजिस्ट्री करा दी गई। रजिस्ट्री के दौरान इसकी जानकारी होने के बाद भी उप पंजीयक के द्वारा रजिस्ट्री करा दी गई। नियम विरुद्ध जमीन रजिस्ट्री की शिकायत मिलने पर तहसील से उक्त जमीन रजिस्ट्री की नकल कापी निकलवाई गई है जिसमें विके्रता पक्ष में शिवकुमारी पति महेन्द्र पटेल की आधार कार्ड की फोटोकाफी शामिल हैं।


दो साल से कमाने-खाने परदेस में है महिला


इस संबंध में ग्राम महेंदी के ग्राम कोटवार से जानकारी ली गई तो दोनों ने ही बताया कि शिवकुमारी पिता उमेंदराम पटेललंबे समय से गांव में नहीं है। कमाने-खाने के लिए परिवार के साथ परदेस गई है। इस बात की पुष्टि शिवकुमारी के पति ने भी की जब पत्रिका रिपोर्टर से मोबाइल पर उससे बात की तो बताया कि दो साल से वह गांव नहीं लौटी है। मैं बीच में आया था।


-पक्षकारों की पहचान के लिए रजिस्ट्री के दौरान दस्तावेज में दो गवाहों का बयान लिया जाता है। हर एक पक्षकार को नाम से जानना-पहचाना संभव नहीं रहता। हमारा काम रजिस्ट्री कराना होता है। अगर ऐसा होता है तो इसके लिए गवाही देने वाले दोषी होंगे।


चित्रसेन पटेल, जिला पंजीयक