
आखिरकार विदेशी फुटबॉल खिलाड़ी का शव भेजा गया अफ्रीका, बाराद्वार में ट्रेन से गिरकर डायमंड की हो गई थी मौत
जांजगीर-चांपा. आखिरकार पखवाड़े भर बाद विदेशी खिलाड़ी (Foreign players) का शव को पुलिस द्वारा अफ्रीका भेजा गया। अफ्रीकन फुटबाल खिलाड़ी बाराद्वार में ट्रेन हादसे का शिकार हुआ था। तब से पुलिस परिजनों का इंतजार कर रही थी। इस बीच पीएम भी नहीं हो सका था। अब परिजनों की ओर से एक कंपनी शव लेने गुरुवार को बाराद्वार पहुंचा। सभी दस्तावेज देखने के बाद शव को कंपनी को सौंपा गया, वे अफ्रीका परिजनों तक शव को ले जाएंगे।
पुलिस के अनुसार आठ अगस्त की रात बाराद्वार में ट्रेन से गिरकर अफ्रीकन फुटबाल खिलाड़ी (Football player) डायमंड अबूबकर की मौत हो गई थी। पुलिस दूतावास के माध्यम से मृतक खिलाड़ी के परिजनों को तत्काल सूचना दे दी गई थी। पुलिस के मुताबिक अफ्रीका खिलाड़ी डायमंड ट्रेन में सफर कर रहा था। ट्रेन से गिरने के कारण उसकी मौत हो गई थी। खिलाड़ी नाइजीरिया से हवाई जहाज से मुंबई पहुंचा था।
मुंबई से कोलकाता जा रहा था। यह केरल फुटबाल टीम के तरफ से खेलने के लिए 6 माह का वीजा पर भारत आया था। पुलिस को जो वीजा मिला है, उसमें 24 जुलाई 2019 से 23 जनवरी 2020 तक की अवधि है। पुलिस ने इसकी जानकारी परिजनों को दूतावास के माध्यम से दे दी थी। पुलिस मर्ग कायम कर शव को स्वास्थ्य केन्द्र में डीप फ्रीजर में रखा था।
परिजनों के आने के बाद पीएम कराने की बात कही जा रही थी। तब पुलिस परिजनों का इंतजार कर रही थी। गुरुवार को परिजनों की ओर से अधिकृत योगेश इंटरनेशनल प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के तरफ से नागपुर निवासी लोकेश लोखंडे पिता रामकृष्ण लोखंडे शव लेने दस्तावेज के साथ एबुलेंस क्रमांक एमएच 49 सी 0063 लेकर बाराद्वार पहुंचा। बाराद्वार पुलिस द्वारा खिलाड़ी के शव को दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के आइवेरी पहुंचाने के लिए लोकेश लोखंडे के सुपुर्द किया गया। पुलिस मृत्यु संबंधी पंचनामा, पीएम रिपोर्ट व मृतक के जेब से मिले मोबाइल व 400 रुपए नगद दिया गया। रास्ते में कोई समस्या न हो इसलिए एनओसी भी दी गई है।
मोबाइल से हुई अफ्रीकन खिलाड़ी का पहचान
पुलिस को लाश के पास से एक मोबाइल मिला था। मोबाइल की गैलरी के फोटो और कॉन्टेक्ट नंबरों के आधार पर पतासाजी की गई तो मृतक की पहचान आफ्रीका के फुटबालर डायमंड अबूबकर (Diamond Abubakar) के रूप में हुई। मोबाइल में ही उसकी वीजा की फोटो भी मिली थी।
पीएम के लिए परिजन का पुलिस कर रही थी इंतजार
आठ अगस्त को दुर्घटना के बाद पुलिस इसकी जानकारी दूतावास के माध्यम से परिजनों को दे दी थी। इसके बाद पुलिस परिजनों के आने का इंतजार कर रही थी। इस बीच पीएम भी नहीं हो सका था। परिजनों के सामने पीएम करने की बात कही जा रही थी। 14 दिन बाद शव लेने पहुंचे भी तो परिजन नहीं पहुंचे। परिजन नागपुर की एक कंपनी को शव लेने के लिए भेजे थे।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें Follow करें Twitter और Instagram पर या ताजातरीन खबरों, Live अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.
Published on:
22 Aug 2019 06:03 pm
बड़ी खबरें
View Allजांजगीर चंपा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
