
... तो इस माह नहीं मिलेगा इन कर्मचारियों को वेतन, पढि़ए पूरी खबर
जांजगीर-चांपा। प्रदेश भर के लिपिक बीते 22 दिन से दो सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में हैं। इनकी हड़ताल से बाजार में कारोबारी अच्छा खासा प्रभावित हो रहा है। एक ओर लिपिकों की हड़ताल से कर्मचारियों का वेतन नहीं बन पा रहा है तो वहीं विभिन्न विभागों की बिलिंग का काम प्रभावित हो रहा है।
आरईएस हो या पीडब्ल्यूडी, शिक्षा विभाग हो या पीएमजीसवाय हर विभाग का बिल पेंडिंग है। पेंडिंग बिल के कारण बाजार में कारोबार प्रभावित हो रहा है। यहां तक कि बाजार में राशन दुकान संचालक भी परेशान है। क्योंकि कई विभाग में उनकी दुकानों से सामान जाता है, लेकिन बिल बनाने वाला लिपिक हड़ताल में है तो बिल कौन बनाए। इसके चलते बाजार में मंदी का दौर चल रहा है। सबसे अधिक सरिया, सीमेंट, गिट्टी विक्रेता से जुड़े निर्माण कार्य वाला विभाग प्रभावित हो रहा है।
गौरतलब है कि लिपिक अपनी वेतन विसंगति समेत दो सूत्री मांगों को लेकर बीते 22 दिन से हड़ताल पर हैं। जिला मुख्यालय के कचहरी चौक में सैकड़ों लिपिक भूख हड़ताल में बैठकर सरकार विरोधी नारें लगा रहे हैं, लेकिन सरकार इनकी मांगें नहीं मान रही है। इसके चलते विभिन्न विभागों का बिल लटका हुआ है। दसअसल बिल बनाने का काम लिपिक ही करते हैं और उनकी हड़ताल से बाजार भी प्रभावित हो रहा है। शिक्षा विभाग का बिल हो या फिर पीडब्ल्यूडी का, हर विभागों का बिल पेंडिंग है।
इसके चलते व्यवसायी अच्छे खासे परेशान हैं। यहां तक एक राशन दुकान चलाने वाला व्यवसायी भी लिपिकों की हड़ताल से प्रभावित है। एक राशन व्यवसायी ने बताया कि उसकी दुकान से मध्यान्ह भोजन के लिए राशन जाता है। राशन का बिल इसलिए पेंडिंग है क्योंकि शिक्षा विभाग का लिपिक भी हड़ताल पर बैठा है। इसके चलते उसका कारोबार मंदी की मार से जूझ रहा है।
पीडब्ल्यूडी में शाम को काम होने की शिकायत
सूत्रों का कहना है कि कुछ विभागों के लिपिक हड़ताली कर्मचारी संघ की नजर में धूल झोंकते हुए शाम को दफ्तर में चोरी-छिपे काम निपटा रहे हैं। इस काम में उन्हें एक्स्ट्रा कमीशन मिल रहा है। सबसे खासा कारोबार पीडब्ल्यूडी में प्रभावित हो रहा है। जिसके चलते पीडब्ल्यूडी विभाग के लिपिक शाम को चोरी छिपे काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें ठेकेदारों के द्वारा अच्छा खासा कमीशन भी दिया जा रहा है। इसके चलते पीडब्ल्यूडी का काम प्रभावित नहीं हो रहा है।
अफसर खुद बना रहे बिल
लिपिकों की हड़ताल से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन प्रभावित होगा। आने वाले दिनों में अक्टूबर माह का वेतन अब तक नहीं बन पाया है। जबकि यह काम माह के अंत में हो जाता है, लेकिन कर्मचारियों के वेतन को देखते हुए अफसर डाटा एंट्री आपरेटर को मार्गदर्शन देते हुए वेतन संबंधित बिल बनाने का काम खुद कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के एक बीईओ ने बताया कि लिपिक हड़ताल में है, लेकिन स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को वेतन नहीं रुकना चाहिए, कहकर वे वेतन संबंधित बिल बनाने का काम वे खुद कर रहे हैं और फाइल उपर तक भेज रहे हैं। ताकि शिक्षकों का वेतन मिल जाए।
-लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ पिछले 22 दिनों से हड़ताल पर हैं। यदि कोई लिपिक चोरी छिपे काम कर रहे हैं तो यह गलत है। ऐसे कर्मचारियों की जांच पड़ताल की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी-संतोष तिवारी, जिला अध्यक्ष लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ
Published on:
28 Sept 2018 08:40 pm
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