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Big Breaking पंडित प्रदीप मिश्रा को आया क्रोध, कथा अधूरी छोड़कर उठ गए

मध्यप्रदेश ही नहीं, देशभर में श्री शिवमहापुराण कथा व उपाय बताने वाले सीहोर वाले कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को रतलाम में कथा सुनाते हुए क्रोध आ गया, वे बीच कथा छोड़कर उठ गए।

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रतलाम. मध्यप्रदेश ही नहीं, देशभर में श्री शिवमहापुराण कथा व उपाय बताने वाले सीहोर वाले कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को रतलाम में कथा सुनाते हुए क्रोध आ गया, वे बीच कथा छोड़कर उठ गए। उनका क्रोध रतलाम की कथा के दौरान लगाए गए खराब माइक को लेकर है।

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बता दे कि एक दिन पूर्व रविवार को भी सीहोर वाले कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान कह दिया था कि माइक खराब है। थोड़े से लालच में रुपये बचाने को खराब माइक लगा दिया गया। देश के करोड़ों लोग कथा को ऑनलाइन अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर सुनते है। मध्यप्रदेश ही नहीं, देशभर में श्री शिवमहापुराण कथा व उपाय बताने वाले सीहोर वाले कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को रतलाम में कथा सुनाते हुए क्रोध आ गया, वे बीच कथा छोड़कर उठ गए।

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गुजरात - महाराष्ट्र के भक्तों को चेतावनी

बता दे कि रविवार को कथा स्थल से ही गुजरात से लेकर महाराष्ट्र के उन भक्तों को चेतावनी दे दी थी जहां आने वाले समय में कथा होना है। सीहोर वाले कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था सुन लो गुजरात वालों, महाराष्ट्र वालों कथा के दौरान माइक सही रखना। रतलाम वालों की तरह मत करना। बता दे कि रविवार को ही सीहोर वाले कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कह दिया था सोमवार को माइक सही नहीं रहा तो वे कथा नहीं करेंगे। हालांकि कथा की शुरुआत हुई, लेकिन बीच कथा को छोड़कर सीहोर वाले कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा उठ गए।

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IMAGE CREDIT: patrika

प्रदीप जी मिश्रा के तीसरे दिन के प्रवचन

कथा में तीसरे दिन प्रवचन देते हुए कहा कि सबको अपने अपने कर्म फल खुद भोगना है पिता के कर्म फल बेटे को भोगना है परिवार की संपत्ति पर सब का हक होता है किंतु कर्म फल का हकदार सिर्फ परिवार का मुखिया होता है इसलिए हमें बुरे कर्म करने से बचना चाहिए । भजन की प्रस्तुति देते हुए "मत बुरे कर्म कर बंदे वरना तू पछताएगा" पर हजारों शिव भक्तमहिला पुरुष और छोटे-छोटे बच्चे झूम उठे । श्री मिश्रा ने प्रवचन में कहा कि घर के सदस्य की मृत्यु होने पर उसके कपड़े बिस्तर तो सब कुछ घर के बाहर फेंक देते हैं लेकिन विडंबना देखिए श्मशान में स्वर्ण आभूषण शव से निकालकर प्रसन्नता पूर्वक घर ले आते हैं ।

शिव और पार्वती विश्वास और आस्था का मिलन

था के दौरान "तेरे डमरू की धुन सुन के मैं काशी नगरी आई हूं" के भजन पर हर कोई खुद को नहीं रोक पाया। प्रवचन में पंडित मिश्रा ने फरमाया कि भगवान शिव और पार्वती विश्वास और आस्था का मिलन है शिव के प्रति आस्था में पूरी तरह डूब जाओ भोलेनाथ आपकी परीक्षा भी लेते हैं और पास भी वही कर देते हैं विश्वास के बल पर ही हम भगवान की प्राप्ति कर सकते हैं जो कुछ भी है वह इस संसार में विश्वास और आस्था ही है । पंडित मिश्रा ने आगे कहा कि भगवान किसी का बुरा नहीं करता क्योंकि भगवान माता पिता के समान है माता-पिता भले ही आपको भला बुरा कह देंगे, अपशब्द कह देंगे , ताने दे देंगे लेकिन रात में वे आपको कहे गए शब्द पर रोएंगे मां बाप के हृदय से यह आप अच्छी तरह जान सकते हैं । पंडित श्री मिश्रा जी ने जिस प्रकार पहली रोटी आप अपने पति या बच्चों के लिए प्रेम पूर्वक बना कर खिलाती हैं उसी प्रकार गाय की रोटी को भी उतने ही प्रेम से बनाकर खिलाएंगे तो गाय माता की कृपा से तुम्हें कोई भी बीमारी नहीं आएगी । रतलाम में आयोजित कथा पर पंडित श्री मिश्रा जी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि रतलाम के इतिहास में पहली बार इतनी पब्लिक एकत्र हुई है और यह सब शिव का प्रताप है । सोमवार को 1 घंटे पूर्व कथा का पंडित श्री मिश्रा ने यह कह कर विश्राम किया कि साउंड सिस्टम ठीक नहीं होने के कारण वे कथा पुराण नहीं कर पाएंगे ।