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दोहरी नीति: गरीबों ने मांगा तो कहा वन भूमि है, वहीं रसूखदारों को दे दिया पट्टा

विरोध: सरकारी जमीन पर कब्जा होता देख विरोध में उठ खड़ी हुई मोहल्ले की महिलाएं

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The women of the locality gathered in protest on the spot

मौके पर विरोध में जुटीं मुहल्ले की महिलाएं।

कुनकुरी. जिले के कुनकुरी में शासकीय और छोटे-बड़े झाडिय़ों वाले वनभूमि में जमीन के कारोबारियों के द्वारा अवैध कब्जा और फिर अपने रसूख और पैसों के दमपर उस जमीन का पट्टा हासिल कर उस जमीन पर जेसीबी चलाकर समतल कर प्लाटिंग करने का मामला उजागर होने के बाद इसका तीव्र विरोध शुरू हो गया है। लोगों का कहना है कि, इस जमीन पर आसपास के मुहल्ले के लोगों ने पीएम आवास योजना के लिए आवेदन किया था, लेकिन स्थानीय राजस्व अधिकारियों ने उन्हें शासकीय और छोटे-बड़े झाडिय़ों वाले वनभूमि बताकर उस जमीन को योजना के लिए देने से मना कर दिया गया और अब जमीन के कारोबार से जुड़े रसूखदार लोगों को इस जमीन का पट्टा कैसे दे दिया गया। कुनकुरी नगर पंचायत में सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर नगर की महिलाओं ने शनिवार शाम को जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। मोहल्ले की सारी महिलाएं कब्जा होते सरकारी जमीन के पास पहुंच गई है और कब्जा रोकवाने की मांग करने लगीं। हंगामा कर रही महिलाओं ने बताया कि जिस जमीन पर सुबह सुबह जेसीबी चलाकर जमीन की प्लॉटिंग करने की कोशिश की जा रही है वो जमीन शासकीय होने के अलावे छोटे बड़े झाड़ का जंगल एरिया है लेकिन कुछ दिन पहले उस जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई और जमीन मालिक के द्वारा उसी सरकारी जमीन पर जेसीबी मशीन चलाकर जमीन को समतल किया जा रहा है।

नगर के वार्ड क्रमांक ११ का है मामला - दरअसल यह वार्ड नम्बर 11 का एरिया है और कुनकुरी जनपद पंचायत के पीछे में यह एरिया बसा हुआ है। इन महिलाओं ने आरोप लगाया कि इसी सरकारी जमीन पर पीएम आवास बनाने के लिए वे कई सालों से पट्टे की अर्जी लगा रही हैं, लेकिन उन्हें आज तक यह बोलकर पट्टा जारी नहीं किया गया कि, वो जमीन सरकारी है और छोटे-बड़े झाड़ के जंगल का इलाका है। कुछ लोगों के नाम से इसी जमीन का पट्टा जारी भी कर दिया गया लेकिन बाद में उनके पट्टे को जंगल क्षेत्र बताकर निरस्त कर दिया गया।

मामले की जांच में जुटा राजस्व अमला- यहां के वार्ड पार्षद राजेश ताम्रकार का कहना है कि मोहल्ले के लोग कई सालों से इस जमीन पर पीएम आवास बनाने के लिए शासन से पट्टे की मांग करती आ रही है लेकिन यह जमीन छोटे बड़े झाड़ का जंगल का एरिया है। इसलिए किसी को यह जमीन आवंटित नहीं की जा सकती फिर अचानक इस जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो गई। इलाके के राजस्व निरीक्षक सुखरा ने बताया कि मोहल्लेवासियों की शिकायत पर शुक्रवार को तहसीलदार, पटवारी और मैं स्वयं भी मौके पर गया था और जमीन मालिक को सरकारी जमीन पर जेसीबी चलाने से मना किया गया है। राजस्व आरआई ने बताया कि वहां 90 डिसमिल जमीन निजी पट्टे की है बाकी जमीन सरकारी है।

इनका आरोप है कि बस्ती के कई लोगो के नाम से पीएम आवास स्वीकृत हो गया, लेकिन जमीन आवंटित नहीं होने के कारण उन्हें पीएम आवास का लाभ नहीं मिल रहा है लेकिन आज अचानक उन्हें पता चल रहा है कि उसी जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई है और इस जमीन पर प्लॉटिंग का काम भी शुरू कर दिया गया।