
हाथी मित्र पाठशाला का उद्घाटन करते अतिथि।
जशपुरनगर. जशपुर जिले में आज से चार दशक पहले शुरू हुआ जंगली हाथियों की समस्या तब से चलता हुआ आज ना केवल जिले का स्थाई समस्या बन चुका है बल्कि और विकराल रूप ले चुका है। हाथियों को यहां के जंगलों और सीमा क्षेत्र से खदेडऩे की अब तक की सभी कोशिशें नाकाम साबित हो चुकी तो वन विभाग ने भी मान लिया है कि अब जिले के लोगों को हाथियों के आसपास रहते या उनके साथ जीने की कला सीखनी पड़ेगी। इसीलिए जब अब वन विभाग ने हाथी-मानव द्वंद्व कम करने के उद्देश्य से हाथी मित्र पाठशाला बुधवार को जिले क तपकरा वन परिक्षेत्र के सरकरा गांव में किया गया। इसमें पहले कुछ चुनिंदा ग्रामीण हाथियों के बीच रहकर बचाव के तौर-तरीके सीखेंगे। इसके बाद प्रशिक्षित ग्रामीण वनकर्मियों के साथ अन्य ग्रामीणों को हाथियों के साथ रहने और सामना होने पर बचाव के तरीके सिखाएंगे।
कई झुंडों में जिलेभर में विचरण कर रहे हाथी : पाठकों को बता दें कि वर्तमान में जिले के इस क्षेत्र में हाथियों के कई दल विचरण कर रहे हैं। हाथियों के हमले से दो माह के भीतर जिले में चार ग्रामीणों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, एक हाथी का बच्चे सहित तीन हाथियों की भी मृत्यु हो चुकी है। हाथी मित्र दल और वन प्रबंधन समिति के सदस्य मिल कर, वनकर्मियों और जिले के दूसरे हाथी प्रभावित गांव के रहवासियों को हाथियों के साथ सुरक्षित रहने का गुरूमंत्र देगें।
सुरक्षित तरीके से रहने के गुर सीखेंगे ग्रामीण : इस संबंध में जशपुर वनमंडलाधिकारी जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि सरकरा के हाथी मित्र दल के सदस्य बीते दस साल से अधिक समय से हाथी प्रबंधन का काम कर रहे हैं। अपने अनुभव से समिति के सदस्यों ने हाथी के व्यवहार के संबंध में काफी कुछ जाना और सीखा है। अब अपनी इसी सीख को वे हाथी प्रभावित अन्य गांव के लोगों को बताएंगें और हाथियों के साथ सुरक्षित तरीके से रहने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने बताया कि इस काम में सहयोग देने के लिए अंबिकापुर से हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे को भी बुलाया गया है। हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे, इस विशेष पाठशाला में हाथी प्रबंधन की तकनीकि पहलु की विस्तार से जानकारी देगें। हाथी मित्र पाठशाला के शुभारंभ के अवसर पर डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय, हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे के साथ हाथी मित्र दल के अध्यक्ष सुखदेव, सुरेन्द्र यादव के साथ वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
हाथियों को लेकर सावधानी और उपाय : इस संबंध में जशपुर वनमंडलाधिकारी ने बताया कि हाथी मित्र दल सरकरा को जंगली हाथी के व्यवहार, हाथी-मानव द्वंद्व, सावधानी, उपाय और सह-अस्तित्व स्थापित करने का १० सालों का लंबा अनुभव है। ये लोग अन्य जिलों में भी अच्छा काम कर चुके हैं। हाथी मित्र दल की इच्छा के अनुरूप दो दिन और एक रात का कैम्प लगाया जाएगा। जिसमें सरकरा के हाथी मित्र दल और वन प्रबंधन समिति बताएगी कि कैसे हाथी-मानव सह-अस्तित्व को बढ़ाया जाए। ग्रामीणों, किसानों के द्वारा कैसे बिजली तार लगाया जाएं, जिससे हाथियों को नुकसान न पहुंचे जिसे कई बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकरा हाथी मित्र दल के अध्यक्ष महेश राम ने बताया कि हाथी को बिना छेड़े सुरक्षित तरीके से खदेडऩे और उनसे खुद को बचाने का काम करते आ रहे हैं। अब हम चाहते हैं कि जिले के अन्य हाथी मित्र दल के सदस्यों को अपना अनुभव बांटें।
Published on:
07 Jan 2023 12:00 am
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