
जस्टिस अशोक भूषण
जौनपुर. अयोध्या मामले में फैसला सुनाने वाले पांच जजों के पीठ में जौनपुर की माटी का लाल भी शामिल था। जज अशोक भूषण की पीठ ने जैसे ही इस ऐतिहासिक फैसले को सुनाया पूरा ज़िला गौरान्वित हो उठा। सभी ने फख्र से कहा कि आज जौनपुर भी भारत के सबसे ऐतिहासिक दिन के सुनहरे पन्ने में दर्ज हो गया।
जस्टिस अशोक भूषण मूल रूप से मड़ियाहूं तहसील के कस्बे के रहने वाले हैं। उनका जन्म 5 जुलाई 1956 को हुआ था। पिता चंद्रमा प्रसाद श्रीवास्तव इलाहाबाद उच्चन्यायालय में अधिवक्ता थे। पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए उन्होंने भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। इनकी शादी भी जौनपुर नगर के परमानतपुर में हुई।
इनके ससुर राधे मोहन श्रीवास्तव भी अधिवक्ता थे और सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। पढ़ाई के बाद ही उन्होंने इलाहाबाद हाइकोर्ट में वकालत शुरू कर दी। वर्ष 2001 में उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त हो गए और 2005 में यहीं चीफ जस्टिस बन गए। इनका सफर यहीं नहीं थमा। 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाए गए। 9 नवंबर को जैसे ही पांच जजों की पीठ ने रामजन्म भूमि विवाद पर अपना फैसला सुनाया जौनपुर वासियों का सीना फख्र से चौड़ा हो गया।
By Javed Ahmad
Published on:
10 Nov 2019 11:40 am
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