
इंजीनियर बेटे ने माता-पिता की कर दी हत्या, PC- X
जौनपुर : जौनपुर में एक इंजीनियर बेटे ने मां-बाप की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपी इंजीनियर ने मां-बाप के सिर को इमामदस्ते से कूचा। इसके बाद भी आरोपी का जी नहीं भरा उसने आरी से शव के टुकड़े करे फिर टुकड़ों को बोरी में भरकर गोमती नदी में फेंक दिया।
आरोपी इंजीनियर अम्बेश ने 8 दिसंबर को अपने माता-पिता की हत्या की थी। उसे 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। इंजीनियर अम्बेश ने 6 साल पहले पश्चिम बंगाल की युवती से शादी की थी। दोनों के दो बच्चे हैं। गांव वालों के मुताबिक अम्बेश नमाज भी पढ़ने लगा। माता-पिता उसकी लव-मैरिज का विरोध करते थे। वह लव-मैरिज से नाखुश थे। पुलिस को आरोपी इंजीनियर ने बताया कि माता-पिता उसकी शादी तुड़वाना चाहते थे।
मूल रूप से केराकत के खरगसेनपुर गांव के रहने वाले श्याम बहादुर को उनके ससुर रामनारायण ने अहमदपुर में संपत्ति दी थी। रिटायरमेंट के कुछ महीने पहले ही वे पत्नी के साथ गांव में नया घर बनवाकर रहने लगे थे। श्याम बहादुर के चार संतानें थीं- तीन बेटियां वंदना कुमारी, अर्चना और सपना (तीनों की शादी हो चुकी है) तथा एक बेटा अम्बेश कुमार। बीटेक की डिग्री हासिल करने वाला अम्बेश कोलकाता की एक कंपनी में क्वालिटी इंजीनियर के पद पर कार्यरत था, जहां उसे करीब 25 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता था।
कोलकाता में नौकरी के दौरान उसकी मुलाकात सहजिया से हुई, जिससे उसने 2019 में लव मैरिज कर ली। दंपति के दो बच्चे हैं। एक 5 साल का बेटा और दूसरा 11 महीने का। हालांकि, यह लव मैरिज परिवार को स्वीकार नहीं थी। माता-पिता श्याम बहादुर और बबीता अम्बेश की इस शादी को तोड़वाना चाहते थे और दूसरी शादी करवाने का दबाव बना रहे थे। इस बात को लेकर आए दिन झगड़े होते थे। अम्बेश भी माता-पिता से नाराज रहता था।
परिवार के सदस्यों के अनुसार, अम्बेश अक्सर पैसों की मांग को लेकर विवाद करता था। तीन साल पहले उसने पिता के पैसों से स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी। हाल ही में वह पत्नी को तलाक देने के लिए 5 लाख रुपये की मांग कर रहा था, लेकिन पिता ने रुपये देने से इनकार कर दिया। यही विवाद हत्या का मुख्य कारण बना।
जौनपुर एएसपी (सिटी) आयुष श्रीवास्तव के अनुसार, अम्बेश ने पूछताछ में पूरा घटनाक्रम कबूल किया। 8 दिसंबर 2025 की रात पैसों और शादी के विवाद पर झगड़ा हुआ। मां बबीता ने कहा कि घर से निकल जाओ, तो अम्बेश ने जवाब दिया कि यह संपत्ति उसे ननिहाल से मिली है और माता-पिता ही घर छोड़कर जाएं। इस पर मां ने उसे धक्का दिया, जिससे गुस्से में आकर अम्बेश ने पास रखे लोहे के खल-बट्टे(इमामदस्ता) का मूसल उठाया और मां के सिर पर वार कर दिया। बबीता छटपटाते हुए गिर पड़ीं। तभी पिता श्याम बहादुर वहां पहुंचे और पुलिस को फोन करने लगे।
अम्बेश ने उसी मूसल से पिता के सिर पर कई वार किए। पिता के चिल्लाने पर उसने रस्सी से गला कस दिया। दोनों की मौत हो जाने के बाद अम्बेश ने शवों को छिपाने की योजना बनाई। घर के बेसमेंट से इलेक्ट्रिक आरी लाकर उसने दोनों शवों को तीन-तीन टुकड़ों में काट दिया। टुकड़ों को छह प्लास्टिक की बोरियों में भरकर कार की डिक्की में लादा। कटाई से निकले अवशेषों को अलग बोरी में रखा।
रात करीब 4-5 बजे वह कार से बेलाव पुल पहुंचा और बोरियां गोमती नदी में फेंक दी। घर लौटकर फर्श और कार को अच्छी तरह साफ किया। बाद में पता चला कि मां का एक पैर घर में रह गया था, जिसे उसने अगले दिन जलालपुर पुल से सई नदी में फेंक दिया।
हत्या के बाद अम्बेश ने बहनों और रिश्तेदारों को फोन कर कहा कि माता-पिता कहीं चले गए हैं और वह तलाश कर रहा है। कुछ दिन नाटक करने के बाद 12 दिसंबर को वह खुद लापता हो गया। बड़ी बहन वंदना ने पहले माता-पिता की, फिर भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तीन टीमें गठित कीं। 15 दिसंबर की शाम अम्बेश जौनपुर शहर में मिला। पूछताछ में शक होने पर कड़ाई की गई तो उसने अपराध कबूल कर लिया।
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना का सीन रीक्रिएट भी कराया। गोताखोरों की टीम गोमती नदी में सर्च कर रही है। बुधवार तक पिता के शरीर का आधा हिस्सा (सीने से जांघ तक) दो बोरियों में मिला, लेकिन सिर और मां के शव का कोई हिस्सा अब तक नहीं मिला। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल आरी और कार भी बरामद कर ली है।
Published on:
18 Dec 2025 04:28 pm
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