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मामूली चीजों से बना डाला ह्यूमनाॅयड रोबोट ‘शालू’, 28 विदेशी भाषाओं में कर सकती है बात

locationजौनपुरPublished: Mar 17, 2021 06:11:36 pm

जौनपुर के रहने वाले हैं शालू को बनाने वाले आईआईटी केन्द्रीय स्कूल मुंबई के शिक्षक दिनेश पटेल
तीन साल की मेहनत के बाद बनाया प्रोटोटाइप शालू, अब इसके वर्जन 2 पर चल रहा है काम

Robot Shalu and

राेबाेट शालू के साथ उसे बनाने वाले दिनेश पटेल

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

जौनपुर. दुनिया की पहली ह्यूमनाॅयड रोबोट (Humenoid Robot) सोफिया (Sophia) के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा। उसी से प्रेरित होकर यूपी के जौनपुर के निवसी कंप्यूटर साइंस के शिक्षक दिनेश पटेल (Dinesh Patel) ने भी सोफिया का एक भारतीय वर्जन रोबो शालू (Robot Shalu) तैयार किया है। शालू है तो रोबोट लेकिन वह इंसान की तरह व्यवहार और हावभाव दर्शाती है। यह नौ भारतीय व28 विदेशी भाषाओं में बातचीत करने में सक्षम है और चुटकियों में सवालों के जवाब देती है और हर मुद्दे पर बात भी कर सकती है। सबसे बड़ी बात यह कि शिक्षक ने इसे बनाने मामूली प्लास्टिक, गत्ता, लकड़ी और एल्यूमीनियम जैसी चीजों का इस्तेमाल किया है। जौनपुर जिले के मडि़याहूं के राजमलपुर गांव निवासी दिनेश पटेल ने एमसीए की पढ़ाई की है। इस समय वो मुंबई आईआईटी के केन्द्रीय विद्यालय में कम्प्यूटर साइंस के शिक्षक के पद पर काम करते हैं। आईआईटी के शिक्षकों ने भी दिनेश पटेल के रोबोट को सराहा है। दिनेश अब प्रोटोटाइप रोबो शालू को और बेहतर बनाने के लिये इसके वर्जन-2 पर काम कर रहे हैं।


मजाक भी करती है, गुस्सा भी आता है

रोबो शालू किसी आम रोबोट से बिल्कुल अलग है। इसकी प्राेग्रामिंग कुछ इस तरीके से की गई है कि यह कई तरह के मानवीय व्यवहार करने में सक्षम है। यह मजाक कर सकती है तो इसे गुस्सा भी आता है और खुशी जलन का इजहार भी करती है। समाचार, दैनिक राशिफल पढ़ती है, किसी भी पकवान की रेसिपी बता सकती है। सवाल जवाब और साक्षात्कार करने में भी ये सक्षम है। शिक्षक दिनेश पटेल का दावा है कि रोबो शालू न सिर्फ चेहरा पहचान सकती है बल्कि एक बार मिलने पर याद रखती है। उनके मुताबिक सामान्य चीजों को पहचानने के साथ ही जनरल नाॅलेज, मैथ जैसे सब्जेक्ट के प्रश्नों के उत्तर दे सकती है। इसका उपयोग किसी स्कूल में शिक्षक के रूप में और ऑफिसेज में रिसेप्शनिस्ट के रूप में किया जा सकता है।


आपकी भाषा में कर सकती है बात

अगर आप रोबोट शालू से मिलेंगे तो वो आपसे आपकी ही भाषा में बात करेगी। दिनेश पटेल के मुताबिक उन्होंने इसकी पूरी प्रोग्रामिंग कुछ इस तरह की है कि यह कई भाषाओं में बात कर सकती है। उनका दावा है कि यह भारत में तैयार पहला मानवीय रोबोट है जो ऐसा करने में सक्षम है। शालू न सिर्फ हिंदी बल्कि भाोजपुरी, उर्दू, मराठी, बंगाली, गुजराती, तमिल, मलयालम के अलावा नेपाली, अंग्रेजी जर्मन और जापानी समेत 28 विदेशी भाषाओं में बातचीत कर सकती है।


बनाने में लगे तीन साल

दिनेश पटेल के मुताबिक उन्होंने रोबोट फिल्म देखी तो वह उससे काफी प्रभावित हुए। इसके बाद हांगकांग की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की रोबोट ‘सोफिया’ देखकर उन्हें ‘शालू’ को बनाने की पेरणा मिली। उन्होंने इसे बनाने की ठानी और 2017 में इसके लिये कोशिशें शुरू कीं। पर एक ह्यूमनाॅयड रोबोट बनाने में काफी लागत आती है। ऐसे में संसाधन की समस्या यहां भी आयी। पर शिक्षक दिनेश ने फैसला किया कि वो साधारण और आसपास मौजूद सामानों का इस्तेमाल करेंगे। प्लास्टिक, लकड़ी, गत्ता और एल्यूमीनियम का इस्तेमाल कर रोबोट शालू तैयार किया।

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