
Jaunpur News: बॉलीवुड फिल्म कागज (Kaagaz) आप सभी ने तो देखी होगी। ठीक उसी तरह जौनपुर (Jaunpur) के केराकत तहसील के जलालपुर में कुछ घटित हुआ। डीएम (DM) अनुज झा की जन चौपाल में एक आवाज गूंजी, साहब मैं जिंदा हूं...ये सुनकर डीएम और वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए। दरअसल ग्रामीणों की समस्या का निस्तारण करने के लिए डीएम अनुज ने जलालपुर के लालपुर में जन चौपाल लगाई थी। जन चौपाल में उपस्थित दशरथ सोनकर ने जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए कहा की वह जिंदा है। बुजुर्ग फरियादी की बात सुनकर वह अचरज में पड़ गए फिर डीएम ने पूरा मामला समझा।
क्या है मामला
गुरूवार 25 अगस्त को केराकत तहसील में ग्राम लालपुर में जिलाधिकारी अनुज झा जन चौपाल लगाकर सभी की समस्याओं को सुन रहे थे, तभी एक अजीबोगरीब फरियाद सुनने को मिली। महिमापुर गांव के दशरथ सोनकर डीएम को बताने लगे कि अभी वो जिंदा हैं। दशरथ की बात सुनकर वहां मौजूद हर कोई दंग रह गया। डीएम ने पूरा मामला सुना।
दशरथ ने बताया कि उन्हें कागज पर मृत घोषित कर फर्जी तरीके से उनकी जमीन को बैनामा करा लिया गया है। दशरथ अब खुद को जिंदा बताते हुए तहसील और थाने का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। दशरथ की शिकायत सुनकर डीएम ने मामले की जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए है।
जमानत के लिए दिए कागजात तो पता चला…
दशरथ सोनकर ने बताया की साल 1987 में उन्होंने जमीन बैनामा कराई थी। दशरथ ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। करीब 7-8 महीने पहले गांव के ही एक व्यक्ति के जमानत कराने के लिए अपने जमीन के कागजात दिए थे। कागजों को जब वकील ने देखा तो बताया कि आप तो मृत घोषित हो चुके हैं। ये सुनकर उनके पांव तले जमीन खिसक गई। दशरथ ने जब जांच पड़ताल कराना शुरु किया और मामले की तह तक गए तो पता चला कि उन्हें मृत घोषित कर उनके जमीन का फर्जी बैनामा करा दिया गया है। अब खुद को जिंदा साबित करने और न्याय की गुहार लगाने के लिए तहसील और थानों के चक्कर लगाने लगे, लेकिन उन्हें किसी भी तरह का न्याय नहीं मिला।
मृत बेटे के नाम पर किया फर्जीवाड़ा
एसडीम केराकत नेहा मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल में सामने आया है कि तहसीलदार कोर्ट से 2020 में दशरथ की जमीन किसी और के नाम कर दी गई । लालपुर गांव के निवासी टुनटुन के पुत्र का नाम भी दशरथ था और उन्होंने फर्जी तरीके से अपने पुत्र का नाम दिखाकर जमीन को बैनामा करा लिया। एक जैसे नाम का फायदा उठाकर जालसाजी की गई। टुनटुन ने जो हलफनामा दिया वो फर्जी था। जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जो व्यक्ति भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।
जिंदा आदमी को मरा हुआ घोषित कर उसकी जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा करा लेने का मामला सामने आने के बाद सिस्टम पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा होता है। कहीं ना कहीं सिस्टम में खराबी जरुर है, जिसमें सुधार होना चाहिए।
Published on:
27 Aug 2023 07:03 pm
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