इस बीच उसे पांच माह का गर्भ ठहर गया, जिसका पता परिजनों को चला तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। बात बड़ों के बीच चली तो सभी ने शादी का लालच दिया। पर इसके बाद पीड़िता के परिजन जब भी शादी के लिए दबाव बनाते सभी टाल-मटोल कर देते। इसके बाद उसने थाने में गुहार लगाई।
निराश होकर आला अधिकारियों की चौखट पर मत्था टेका, लेकिन वहां से भी केवल आश्वासन ही मिला। पीड़ित परिवार का कहना है कि कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो रही। बड़े साहब ने भी सिर्फ हम लोगों की बात सुन ली, पर कार्रवाई कुछ नहीं की। एसपी केके चैधरी ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं था। जांच करवा कर पहले मुकदमा पंजीकृत करवाया जाएगा। इसके बाद थाने पर पंचायत होने की भी पड़ताल कराई जाएगी।