झाबुआ चातुर्मास के इतिहास में पहली बार चतुर्विघ संघ सिद्धितप की आराधना कर रहा है। आचार्यश्री ऋषभचंद्रसूरिश्वर की पावनतम निश्रा एवं मुनिश्री रजतचंद्रविजय, मुनिश्री जिनचंद्रविजय, मुनिश्री जीतचंद्रविजय, मुनिश्री जनकचंद्रविजय, साध्वी रत्नरेखाश्री, साध्वीश्री अनुभवदृष्टाश्री, साध्वीश्री कल्पदर्शिताश्री आदि ठाणा के सानिध्य में शहर में वर्षावास के दौरान शहनाई गार्डन में तीसरी महामांगलिक का आयोजन बापूलाल अभयकुमार, शालीनकुमार धारीवाल परिवार की ओर से किया गया।