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‘समय के अनुरूप खुद को करें समायोजितÓ 

तृतीय महामांगलिक हुई, चल समारोह निकाला, 108 कलश से आचार्यश्री की अगवानी

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Shruti Agrawal

Aug 02, 2017

jhabua

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झाबुआ. महामांगलिक के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जन्म के साथ डॉक्टर, इंजिनियर, व्यापारी, संत, आचार्य बनकर नहीं आता है उसे जीवन में संघर्ष करके अपने मुकाम को प्राप्त करना होता है। परिस्थितियां समय के साथ बदलती रहती हैं। इसलिए समय के साथ कदम से कदम मिला कर चलना चाहिए और समय के अनुरुप स्वयं को समायोजित कर लेना चाहिए।

झाबुआ चातुर्मास के इतिहास में पहली बार चतुर्विघ संघ सिद्धितप की आराधना कर रहा है। आचार्यश्री ऋषभचंद्रसूरिश्वर की पावनतम निश्रा एवं मुनिश्री रजतचंद्रविजय, मुनिश्री जिनचंद्रविजय, मुनिश्री जीतचंद्रविजय, मुनिश्री जनकचंद्रविजय, साध्वी रत्नरेखाश्री, साध्वीश्री अनुभवदृष्टाश्री, साध्वीश्री कल्पदर्शिताश्री आदि ठाणा के सानिध्य में शहर में वर्षावास के दौरान शहनाई गार्डन में तीसरी महामांगलिक का आयोजन बापूलाल अभयकुमार, शालीनकुमार धारीवाल परिवार की ओर से किया गया।
नमस्कार महामंत्र की आराधना की शुरुआत के साथ तीसरी महामांगलिक का आयोजन हुआ। नमस्कार महामंत्र के आराधकों के देव वंदन पश्चात 11 बजे विशाल चल समारोह के साथ आचार्यश्री ऋषभचंद्रसूरिश्वर, मुनिमंडल एवं साध्वीवृंदों सहित लाभार्थी परिवार के सिद्धेश्वर कॉलोनी स्थित निवास पर केसर पगलिए के लिए पधारे। पगलिए पश्चात चतुर्विघ संघ के साथ आचार्यश्री बस स्टैंड होते हुए महामांगलिक स्थल पर पहुंचे। वहां 108 कलश से आचार्यश्री की अगवानी की गई। सामूहिक गुरुवदंन हेमंत वेदमुथा मक्सी द्वारा करवाया।
महामांगलिक में मुख्य अतिथि जयंतीलाल बाफना ट्रस्टी मोहनखेड़ा तीर्थ, विशेष अतिथि कमलेश पांचसौवोरा सांचोर थे। महामांगलिक में संपूर्ण मालवांचल से 50 से अधिक श्रीसंघों की उपस्थिति रही। श्रावक-श्राविकाओं के साथ यहां पर मुनिश्री जीतचंद्रविजय आयंबिल तप के साथ सिद्धितप आराधना एवं साध्वीश्री अनुभवदृष्टाश्री सिद्धितप आराधना कर रहे हैं।
गुरुदेव के प्रवचन के बाद सिद्धितप आराधना के मुख्य पारणे के चढ़ावे का लाभ लोकेंद्रकुमार शांतिलाल बाबेल परिवार ने प्राप्त किया। इसी चढ़ावे के साथ सिद्धितप की पत्रिका में जय जिनेंद्र का लाभ मनोहरलाल मोदी परिवार ने प्राप्त किया। इन चढ़ावों के साथ विभिन्न चढ़ावों के लाभ लाभार्थियों को आदेश प्रदान किए गए। महामांगलिक में आचार्यश्री के चरण पूजा का लाभ सांचोर निवासी कमलेशकुमार पांचसौवोरा परिवार को प्राप्त हुआ। महामांगलिक के लाभार्थी परिवार का बहुमान समिति के सदस्यों ने किया। वर्षावास में 45 दिवसीय सिद्धितप तपाराधना में 70 से अधिक आराधक आराधना में लीन हैं। इसका लाभ मनोकामना कटारिया परिवार ने लिया।