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6 दिन पहले खाई मछली, अचानक बंद हो गया खाना-पीना और बोलना

MP News: कांटा गले की गहराई में फंसा होने के कारण मरीज की हालत गंभीर बनी हुई थी।

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fish bone

fish bone प्रतिकात्मक फोटो (Photo Source - Patrika)

MP News: कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें मेडिकल साइंस की उन्नति और डॉक्टरों की सूझबूझ का पता चलता है। कुछ ऐसा ही हुआ है, जिला अस्पताल झाबुआ में। यहां डॉक्टरों ने अपने कौशल और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक महिला की जान बचा ली। ग्राम मोहनकोट निवासी जमना डामोर (50) के गले में पिछले 6 दिनों से फंसा मछली का कांटा सफल ऑपरेशन कर बाहर निकाला गया।

कांटा गले की गहराई में फंसा होने के कारण मरीज की हालत गंभीर बनी हुई थी। जमना डामोर पिछले लगभग एक सप्ताह से तेज दर्द से जूझ रही थीं। मछली खाते समय गले में फंसा कांटा घरेलू उपायों के बावजूद बाहर नहीं निकला। स्थिति बिगड़ने पर खाना-पीना और बोलना तक मुश्किल हो गया था।

देरी होती तो बढ़ सकता था संक्रमण

ऑपरेशन के बाद डॉ. पाटीदार ने बताया कि यदि इलाज में और देरी होती तो संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता था, जो जानलेवा साबित हो सकता था। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि भोजन करते समय, विशेषकर मछली खाते वक्त सावधानी बरतें और गले में कुछ फंसने पर घरेलू नुस्खों के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ईएनटी व एनेस्थीसिया टीम ने किया ऑपरेशन

मरीज की हालत की सूचना मिलने पर डॉ. केएल पाटीदार तत्काल जिला अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उपचार शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले मरीज का एक्सरे करवाया और इसमें गले की गहराई में फंसा काटा पाया गया। इसके बाद एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सोमेश जोशी और नर्सिंग अधिकारी गजेन्द्र चरपोटा की टीम ने आधुनिक तकनीकों की मदद से जटिल लेकिन सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया।

परिजन ने जताया आभार

ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत हालत खतरे से बाहर बताई गई है। परिजन ने भी मरीज को बेहतर और त्वरित उपचार से राहत दिलाने के लिए डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का आभार व्यक्त किया है।