
भूरिया और मेड़ा गुट के शक्ति प्रदर्शन की जानकारी लगने पर रास्ते से लौटे प्रभारी मंत्री
झाबुआ. झाबुआ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव से ऐन पहले गुरुवार को कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। इसके चलते प्रभारी मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल को अपना झाबुआ दौरा निरस्त करना पड़ गया। वे बीच रास्ते से ही लौट गए। तर्क दिया गया कि मंत्रीजी को भोपाल जरूरी मीटिंग के लिए निकलना है।
दरअसल प्रभारी मंत्री गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे झाबुआ पहुंचने वाले थे। उनका रात्रि विश्राम भी यहीं था। प्रभारी मंत्री के आगमन की जानकारी मिलने पर पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया और पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा के समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर ली। दोनों ही नेता टिकटकी दौड़ में शामिल है। भूरिया के समर्थक शिवगंगा चौराहे पर खड़े हो गए तो वहीं मेड़ा के समर्थक सर्किट हाउस से कुछ दूर खोडिय़ार माता मंदिर के बाहर हाथों में हार लेकर पहुंच गए। दोनों ही गुटों के लोग अपने-अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे। ऐसे में उनके बीच विवाद की स्थिति भी निर्मित हो सकती थी। जब इसकी जानकारी प्रभारी मंत्री को लगी तो उन्होंने झाबुआ आने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया। बताया जाता हैकि मंत्रीजी उदयगढ़-कनास से ही इंदौर के लिए रवाना हो गए। ऐसे में भूरिया और मेड़ा समर्थक भी निराश होकर लौट गए। वहीं प्रशासन ने भी अपने इंतजाम हटा लिए। पहले बताया राणापुर से निकल गए, फिर कहा कानाकाकड़ में रिश्तेदार के यहां है शक्ति प्रदर्शन के बीच दोनों ही गुटों के नेता प्रभारी मंत्री की लोकेशन लेते रहे। कंट्रोल रुम से पहले जानकारी दी गई कि वे राणापुर से निकल गए हैं। फिर बाद में बताया गया कि मंत्रीजी कानाकाकड़ में अपनी मौसी के यहां गए हैं। जब मंत्री के पीए से संपर्क किया गया तो उसने गोलमोल जवाब देते हुए कहा-मंत्रीजी अभी अपने रिश्तेदार के यहां आए हैं। वे झाबुआ आ भी सकते हैं और नहीं भी। इससे तय हो गया था कि मंत्री के दौरे में बदलाव हो चुका है।
भूरिया और मेड़ा दोनों ही है टिकट की दौड़ में
पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया और पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा दोनों ही झाबुआ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में टिकट के प्रबल दावेदार है। वहीं पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा को गत विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। इसके चलते वे निर्दलीय चुनाव लड़े थे और उन्होंने कांग्रेस के बड़े वोटबैंक में सेंध लगा दी। इस वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। चूंकि वे पुन: कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया के समर्थन में युवा नेता डॉ.विक्रांत भूरिया, आशीष भूरिया, शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव सक्सेना, मथियास भूरिया सहित कई कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे ही शिवगंगा चौराहे पर पहुंच गए। उन्होंने यहां नारा लगाया कि-हमारा नेता कैसा हो, कांतिलाल भूरिया जैसा हो। चौराहे पर सभी समर्थकों के लिए चाय-नाश्ते की व्यवस्था भी की गई थी। हालांकि इसमें से कई कार्यकर्ता दूसरी विधानसभा के भी थे। सूत्रों के अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि भूरिया के समर्थक मंत्री का स्वागत करने नहीं बल्कि उनके सामने अपने नेता को टिकटदिए जाने की पुरजोर तरीके से पैरवी करने के लिए खड़े हुए थे। क्योंकि कोई भी कार्यकर्ता हार-फूल लेकर नहीं आया था।
पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा अपने समर्थकों के साथ सर्किट हाउस के समीप खोडिय़ार माता मंदिर के बाहर जाकर खड़े हो गए। उन सभी के हाथों में फुल मालाएं थी। मेड़ा के समर्थक बार-बार एक ही नारा लगा रहे थें कि-हमारा विधायक कैसा हो, जेवियर मेड़ा जैसा हो। संख्या बल के हिसाब से भी मेड़ा के समर्थक ज्यादा थे। इसमें झाबुआ विधानसभा क्षेत्र से जुड़े कई पंच-सरपंच शामिल थे।
Published on:
20 Sept 2019 01:16 am
बड़ी खबरें
View Allझाबुआ
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
