
MP News: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नहीं ले रहे हैं। लोकायुक्त के द्वारा भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी पर शिकंजा कसा जा रहा है। बावजूद इसके घूसखोरी के मामलों में कमी नहीं आ रही है। ऐसा ही मामला झाबुआ जिले से सामने आया है। जहां जनजतीय विभाग में पदस्थ लेखापाल के द्वारा 50 हजार की रिश्वत मांगी गई थी।
आवेदक शांतिलाल ग्राम बाकिया पोस्ट झकनावदा तहसील पेटलावद जिला झाबुआ तथा शासकीय माध्यमिक विद्यालय अम्बापाडा संकुल केन्द्र बोलासा, विकासखण्ड पेटलावद जिला झाबुआ में माध्यमिक शिक्षक के पद पर पदस्थ है। उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर को को योग्य अतिथि शिक्षकों नहीं की गई और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए आयोग्य शिक्षकों को पदस्थ किया गया। इसके संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 30 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस का जवाब सहायक आयुक्त को जवाब दिया था। इसी मामले का निपटारा कराने की एवज में लेखपाल जाम सिंह अमलियार द्वारा आवेदक से 50,000 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।
आवेदक के द्वारा मामले की शिकायत लोकायुक्त इंदौर को की गई। सत्यापन में शिकायत सही पाए जाने पर गुरुवार को जामसिंह अमलियार 14,500 की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया गया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।
शिवपुरी जिले में फरियादी ज्ञानेंद्र सिंह निवासी रन्नौद से जमीन में सुधारने की एवज में 20 हजार की रिश्वत मांगी गई थी। जिसके लिए फरियादी पहले अपर कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ स्टोनो को 15 हजार रुपए दे चुका था। गुरुवार को स्टोनो ने जैसे ही 5 हजार रुपए लिए। मौके पर मौजूद लोकायुक्त की टीम ने स्टोनो को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।
ऐसे ही बालाघाट में चाय की टपरी पर बाबू को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया और नरसिंहपुर में सहकारिता निरीक्षक संजय दुबे को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। शिकायत सिमरिया सहकारी समिति के प्रबंधक देवी प्रसाद तिवारी ने की थी।
Published on:
11 Dec 2025 04:51 pm
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