कृषि विभाग के अनुसार रिमझिम वर्षा की स्थिति में सोयाबीन में पत्तीखाने वाली इल्लीयां लगती है। जिन पर नियंत्रण के लिए क्विनालफॉस 1500 मिली. प्रति हैक्टेयर या इन्डोक्साकार्ब 333 मिली. प्रति हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। इसी प्रकार मक्का में तना छेदक (स्टेम बोरर) कीट के प्रकोप को नियंत्रण करने के लिए फॉरेट 10जी दानेदार दवा के 3-4 दाने प्रति पौधा की पोंगली में डालें। सोयाबीन, मूंग एवं उड़द की फसल में रस चूषक कीट सफेद मक्खी एवं एफिड का प्रकोप होने पर एसीफेट 75 एसपी दवा की 500 ग्राम प्रति हे. या इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. दवा की 125ग्राम प्रति है. के मान से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। सोयाबीन की फसल पर सिर्फ चक्रभृग (गर्डल बीटल) का प्रकोप होने पर थायक्लोप्रीड 21.7 एस.सी (6 50 मिली. प्रति है.) या ट्राइजोफॉस 800 मिली प्रति है. 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें तथा ग्रसित पौध अवशेषों को प्रारंभिक अवस्था में ही तोड़कर निकाल दें।