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तड़वी-पटेल सामाजिक कुरीतियों पर लगाएं अंकुश

एकात्म यात्रा का स्वागत करें और आनंद उत्सव की तरह तीन दिन तक जिले में सभी लोग यात्रा में शामिल रहें

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झाबुआ. कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में महिला सशक्तिकरण के लिए सामाजिक क्षेत्र के प्रभावी तड़वी-पटेल का सहयोग लेने के लिए तडवी-पटेल सम्मेलन बुधवार को आयोजित किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए कलेक्टर आशीष सक्सेना ने कहा कि दहेज दापा कम करें। बालिका का विवाह 18 वर्ष से पहले ना करे एवं शिक्षा पूर्ण करवाएं।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा बालिकाओं की पढ़ाई के लिए हर विकासखंड में कन्या शिक्षा परिसर खोले गए हैं। जहां बालिकाओं के रहने, खाने एवं शिक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। उन्हें वहां प्रवेश दिलाएं। गांव में शासकीय भवन जो किसी विभाग द्वारा उपयोग में नहीं किया जाता है उसे अपना कार्यालय बनाएं और कोटवार के साथ मिलकर समाज को सुधारने के लिए काम करें। ग्रामीण अपने बच्चों को 18 वर्ष की उम्र तक अच्छे से पालन पोषण करें। उन्हें समझाएं कि कम उम्र में विवाह ना करें। बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करके अच्छी नौकरी प्राप्त करने के बाद ही विवाह करें। ताकि जीवन अच्छा हो सके।
उन्होंने कहा, समाज की रीति नीति बदलना प्रशासन से संभव नहीं है। ये काम तड़वी पटेल ही कर सकते हैं। आप सोचे आपके समाज में चल रही कुरीतियों जिनसे समाज का विकास रुकता है। उन को दूर करने के लिए प्रयास करें। ताकि समाज में सुधार आए। चर्चा के दौरान कलेक्टर आशीष सक्सेना ने कहा कि गांव के मजदूर शासन की भवन सह अन्य निर्माण कर्मकार मंडल योजना में पंजीयन करवाएं एवं योजना का लाभ लें। कर्मकार मंडल योजना में लड़की का विवाह करने के लिए शासन द्वारा 25 हजार रुपए प्रति कन्या अनुदान दिया जाता है। योजना का लाभ लेने के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र में ही लड़की का विवाह करें। कार्यक्रम में तड़वी-पटेल ने भी अपने अनुभव साझा किए।
तड़वियों ने अपनी बात करते हुए कहा कि दहेज दापा समाजहित में अच्छा नहीं है। यह समझाने के बाद भी जो लोग विवाह में अधिक दहेज ले रहे हैं उनके विरुद्ध प्रशासन कानूनी कार्रवाई करे। ताकि सजा के डर से दहेज दापा पर अंकुश लगे। कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत जमुना भिंडे, एडीएम एसपीएस चौहान, समाजसेवी यशवंत भंडारी, एसडीएम झाबुआ केसी परते, एसडीओपी एसआर परिहार उपस्थित थे।
जिले में तीन जनसंवाद कार्यक्रम होंगे
यात्रा का उद्देश्य समाज को एकात्म करना है। प्रदेश के उज्जैन, औकारेश्वर, पंचमठा और अमरकंटक से यह यात्रा निकलेगी। यात्रा के दौरान जनसंवाद के कार्यक्रम होंगे। जिले में तीन जनसंवाद होंगे। पहला जनसंवाद 2 जनवरी को शाम 5 बजे से आजाद चौक झाबुआ में होगा। दूसरा जनसंवाद 3 जनवरी को बावड़ी मंदिर थांदला में शाम 5 बजे से एवं तीसरा जनसंवाद सुबह 11 बजे से उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पेटलावद में होगा एवं 4 जनवरी को तारखेड़ी में शाम 5 बजे तारखेड़ी आश्रम में संगोष्ठी होगी।
फलियों एवं गांवों में कलश यात्रा निकाली जाए
तड़वी-पटेल सम्मेलन में कलेक्टर ने आह्वान किया कि आदि शंकराचार्य की अष्ठधातु की मूर्ति के निर्माण के लिए जिले में धातु संग्रहण के लिए 2 से 4 जनवरी तक गांव-गांव, फलिए-फलिए में उपयात्राएं निकाली जाए। यात्रा तीन रात तक जिले में रुकेगी। जिले की सभी 375 ग्राम पंचायतों एवं नगरीय क्षेत्रों के सभी वार्डो से कलश यात्रा निकाली जाए। सभी कलश एकत्रित कर अन्य जिले के प्रभारी अधिकारी को सौंपे। एकात्म यात्रा के दौरान जिले में उत्सव जैसा माहौल बनाया जाए। सभी जिलेवासी यात्रा में आत्मीयता के साथ जुड़े। इस महत्वाकाक्षी यात्रा को सर्वव्यापी बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को इससे जोड़े। इस अद्वितीय और अदभूत अभियान का नेत्तृव संत गुरू करेंगे। आदि शंकराचार्य ने भारत को सांस्कृतिक रूप से एक किया था। उन्होंने अद्वत दर्शन दिया और देश की चारों दिशाओं में चार धामों की स्थापना की। ओकांरेश्वर में उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी। एकात्म यात्रा के दौरान प्रत्येक पंचायत और नगरों के प्रत्येक वार्डों से धातु के कलश में मिटटी एकत्रित की जाए। इसका उपयोग प्रतिमा के आधार निर्माण में किया जाएगा।